सिक्किम में मरने वालो की तादाद बढ़कर 35 हुई
खराब मौसम के कारण दिल्ली और कोलकाता से रवाना हुए 10 राहत दल तथा चिकित्सकों का एक दल अब तक प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंच सका है। मौसम विज्ञान अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में और भी भूस्खलन हो सकता है। भूकम्प के और भी झटके आ सकते हैं। सिक्किम के सूचना मंत्री सी. बी. कारकी ने भी कहा, "इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती राहत कर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने की है, जहां पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि दूर-दराज के क्षेत्रों से हमें मरने वालों और घायलों की सूचना मिल रही है। संचार सुविधाएं प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण सुदूर क्षेत्रों में सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।" जिला मजिस्ट्रेट (सिक्किम पूर्व) जी. आनंदन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए बाधित हो जाने से सिक्किम का सम्पर्क देश के शेष भागों से कट गया है।
राजमार्ग पर कम से कम आठ स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। 120 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग 31-ए पर कंक्रीट से बने कम से कम 25 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना के जवानों की मदद ली जा रही है। सेना की करीब 50 टुकड़ियों के छोटे-छोटे दलों को सिक्किम, सिलीगुड़ी, बिनागुड़ी और गंगटोक के आसपास स्थानीय इकाइयों में तैनात कर दिया गया है। सीमा सड़क संगठन को भी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31-ए पर यातायात सामान्य करने के काम में लगाया गया है। वायु सेना ने भी राहत सामग्री और बचाव कर्मियों के साथ पांच मालवाहक विमान पूर्वोत्तर भेजे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक अधिकारी ने दिल्ली में कहा, "राहत दल अब तक भूकम्प प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुंच पाए हैं।" दिल्ली से रवाना हुए पांच दलों में 176 बचावकर्मी, 21 अनुभाग अधिकारी, पांच चिकित्सा अधिकारी हैं। ये रविवार रात आठ बजे रवाना हुए थे। कोलकाता से आए दलों में 181 बचाव अधिकारी, 15 अनुभाग अधिकारी और एक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
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