देहरादून। नवनियुक्त मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने पहली कैबिनेट बैठक में ही अपने तेवर दिखा दिए। बैठक में जिन चार बिंदुओं पर चर्चा हुई, उनसे साफ हो गया कि भ्रष्टाचार पर लगाम उनकी शीर्ष प्राथमिकता रहेगी। कैबिनेट ने निर्णय लिया कि मंत्री और अफसर एक महीने में अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे। राज्य में बेनामी संपत्ति जब्त करने और लोक सेवा अधिकार कानून बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएंगे। साथ ही लोकायुक्त व्यवस्था को प्रभावशाली बनाया जाएगा। शपथ ग्रहण करने के बाद खंडूरी सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कक्ष पहुंचे और अपने कैबिनेट के साथियों के साथ नए कार्यकाल की पहली औपचारिक बैठक की। बैठक की जानकारी पत्रकारों को देते हुए खंडूरी ने कहा कि कैबिनेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने के लिए चार बिंदुओं पर चर्चा हुई। इसके तहत तय किया गया कि सभी मंत्री, आइएएस तथा आइपीएस अधिकारी एक माह के अंदर अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि लोकायुक्त की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाती है। अन्ना हजारे के अभियान का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि अब लोकायुक्त के निर्देश सदन में रखे जाएंगे। राज्य में प्रभावशाली लोकायुक्त एक्ट बनाने के लिए सिविल सोसायटी तथा अन्य लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। कोशिश की जाएगी कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जल्दी ही एक कमेटी बनाई जाए।
मुख्यमंत्री खंडूरी ने कहा कि बिहार में एक कानून बनाया गया है, जिसके तहत बेनामी प्रापर्टी जब्त कर ली जाती है। ऐसा ही कानून उत्तराखंड में बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लोक सेवा अधिकार बिल बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए दो माह की समय सीमा दी गई है।खंडूरी ने कहा कि हाईकमान ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, वह उस पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सब कुछ है, बस उसके सही उपयोग करने की जरूरत है। जनता को बरगला कर नहीं बल्कि सेवा कर वोट पाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही मंत्रिमंडल के साथियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। खंडूरी के अनुसार गुड गवर्नेस लाना सरकार की प्राथमिकता होगी। कांग्रेस के दौर के 56 घोटाले न खोल पाने की वजह उन्होंने बताई कि इसे लेकर कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन जल्दी ही सब ठीक कर दिया जाएगा। टीपीएस रावत की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनसे ही पूछें तो बेहतर होगा। पिछली सरकार के निर्णयों पर पूछे गए सवालों को वे टाल गए। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, बंशीधर भगत भी मौजूद थे।
(साभार - जागरण)
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