DGHC के कार्यो की होगी जांच
दार्जिलिंग। आखिरकार शासन हरकत में आ ही गया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लगातार मांग पर विचार करते हुए शासन ने तय किया है कि दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद (दागोपाप) के कार्यो की जांच कराई जाएगी। दुर्गा पूजा के बाद विधानसभा की पब्लिक स्टैंडिंग कमेटी की टीम यहां आएगी और अब तक विभिन्न विकास कार्यो के मद में मिले अनुदान के दस्तावेज आदि की जांच की जाएगी। इस संबंध में कालिम्पोंग के विधायक डॉ। हर्क बहादुर क्षेत्री ने बताया कि सरकार के गठन होने के कुछ दिन बाद ही इस बारे में सरकार के साथ गोजमुमो की विस्तार से बातचीत हुई थी। इसमें वर्ष 1988 में दागोपाप के गठन के बाद से विकास के मद में मिले पैसे, इसके प्रयोग, प्राकृतिक आपदा आइला में राहत कार्यो के लिए मिली धनराशि आदि की जांच की जाएगी। दुर्गा पूजा के बाद 15 सदस्यीय कमेटी पहाड़ में आएगी और दस्तावेजों को खंगालेगी। उन्होंने बताया कि दागोपाप का वार्षिक बजट 40 से 60 करोड़ रुपये की संभावना है, लेकिन गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा प्रमुख और तत्कालीन दागोपाप चेयरमैन सुभाष घीसिंग के पद छोड़ने के बाद नए प्रशासक ने करीब 39 करोड़ रुपये विभिन्न विकास कार्यो के लिए बजट बनाया था। इससे पूर्व सुभाष घीसिंग के शासनकाल में करोड़ों रुपये दागोपाप के विकास के लिए मंजूर किये गए थे। इसके दुरुपयोग को लेकर कई बार विभिन्न दलों ने आरोप भी लगाए और इसके जांच की मांग भी की गई। आने वाले दिनों में विधानसभा की पब्लिक स्टैंडिंग कमेटी सुभाष घीसिंग के कार्यकाल के दौरान हुए सभी विकास कार्यो का मूल्यांकन करेगी।
(साभार-जागरण)
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