न्यू जलपाईगुड़ी में भीषण आग से 15 दुकानें राख
घटनास्थल पर उठने वाला घना काला धुआं भी चारों ओर फैल गया। इसके साथ ही जब घन-घन आग के घेरे में एलपीजी सिलिंडर व एयर टैंकर फटा तो उसकी आवाज ने चारों ओर खौफ व दहशत फैला दी। इस बारे में अग्निशमन विभाग की सिलीगुड़ी इकाई के प्रभारी अतनु चंद ने कहा कि आग किन वजहों से लगी, उसका पता अभी नहीं चल पाया है लेकिन जो दुकानें आग में जली हैं उनमें कई दुकानों में अवैध तेल के भंडार थे। इसलिए ही आग ने इतना भयावह रूप ले लिया। वातावरण में फैली आग की बू से भी साफ हुआ है कि डीजल-केरोसिन व पेट्रोल काफी मात्रा में जले हैं। घटनास्थल पर जली दुकानों के मलबे में तेल के कई बड़े-बड़े ड्रम भी देखे गए। उन्होंने कहा कि आग लगने की वजहों की पड़ताल की जा रही है।
हालांकि कुछ स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि शुरू में उन लोगों ने दुकानों से ऊपर गुजरने वाले हाईटेंशन तारों में शार्ट-सर्किट की वजह से चिंगारियां उठती भी देखी थी। उनसे भी आग लगने की संभावना जताई जाती है। हालांकि कई दुकानों में अवैध तेल का भंडारण होने की बात किसी ने नहीं नकारी व इस तरह तेल के अवैध कारोबार पर काफी रोष जताया। बताया जाता है कि तेल टैंकरों से तेल चोरी कर इलाके में अवैध रूप से इसकी खरीद-व-फरोख्त का काला कारोबार चलता है। इस बात को स्वीकारते हुए खुद स्थानीय 35 नंबर वार्ड के पार्षद जयदीप नंदी ने भी काफी रोष जताया।
उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद पुलिस इस पर लगाम नहीं लगा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल ही यहीं आइओसी डिपो के विपरीत शहीद कॉलोनी में लगी इससे से भी ज्यादा भयावह आग के बावजूद पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि चूंकि उक्त जगह से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन भी बस चंद कदम दूर है, इसलिए उसकी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। इसके मद्देनजर उन्होंने इलाके में आरपीएफ व जीआरपी की गश्ती की भी मांग की है ताकि तेल के कारोबार पर भी लगाम लग सके। इस तरह की मुसीबत भरी घटना से इलाके के लोगों में भी काफी रोष है। अग्निपीड़ित कई दुकानदारों की शिकायत पर एनजेपी आउटपोस्ट की पुलिस भी इसकी तफ्तीश में जुट गई है।
इन लोगों की दुकानें जलीं
इम्तेयाज खान (कबाड़े की दुकान)
नूर इसलाम (कबाड़े की दुकान)
तबरेज अहमद (कबाड़े की दुकान)
सविता पासवान (फलों की दुकान)
मोहम्मद जाकिर (फलों की दुकान)
उत्तम सिंह (गैरेज)
अरमानी खातून (सीमेंट)
इनके अलावा भी अन्य कई लोगों की दुकानें जली हैं।
(साभार -जागरण)
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