भारतीय सेंसर बोर्ड को "फ्री तिब्बत' पर एतराज़
चीन के साथ भारत के व्यापारिक गठजोड़ और भारत के विदेश निति के उलट सेंसर बोर्ड ने तिब्बत के दृश्य को हटाने की मांग करने के साथ एक विवाद को जन्म दे दिया है जिसके कारण अब तिब्बत के निर्वासित लोगों के आवाज़ को रुपहले परदे पर भी दबाया जा रहा है । अभिव्यक्ति के लिए बनायी जाने वाली फिल्मो में अब तिब्बत के आज़ादी के जुड़े मात्र एक सीन में "फ्री तिब्बत" लिखा होना भारतीय सेंसर बोर्ड को इतना नागवार गुजरा कि फिल्म को इस कारण लटकाया जा सकता है । शायद सेंसर बोर्ड के सदस्यों के मन पर हाल ही में चीनी राजदूत के द्वारा भारतीत पत्रकारों को "शट अप" कहना भयाक्रांत कर गया, जिसके कारण इस तरह के चीनी धौंस को सही करार दिया जा रहा है । एक ओर चीन भारत को प्रत्येक मंच से नीचे गिराने की कोशिश में लगा रहता है और वही दूसरी ओर भारत के सेंसर बोर्ड में बैठे स्वयंभू " चीनी शुभचिंतक" भारत की तिब्बत नीति को ही गलत करार देने में बेकरार दिख रहे है ।
Post a Comment