दार्जिलिंग बंगाल का कभी अंग नहीं रहा - आर मोक्तान
दार्जिलिंग। इतिहास गवाह है कि यह भूभाग बंगाल का नहीं है। यह बात गोरखालैंड टास्क फोर्स के संयोजक आर मोक्तान ने कही। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित दस्तावेज और इतिहास गवाह है। दार्जिलिंग भूभाग बंगाल का कभी नहीं था, इसलिए गोरखालैंड राज्य गठित होने से बंग भंग नहीं होगा। संयोजक मोक्तान ने कहा कि राज्य गोरखालैंड की मांग संवैधानिक है। इसे दबाने के लिए बंगाल सरकार की ओर से तरह-तरह की साजिश अपनाई जा रही है, आर मोक्तान ने गोरखालैंड की मांग को दबाने की चाल को अब असंभव होना बताया। उन्होंने कहा कि गोरखालैंड के गठन के लिए गोरखालैंड टास्क फोर्स ने केंद्र सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी से लेकर विपक्षी राजनीतिक पार्टी के सभी नेताओं को गोरखालैंड गठन की औपचारिक भेंटवाता होने की बात बताई।
आर. मोक्तान ने कहा कि दार्जिलिंग भूभाग को लेकर वर्ष 86 में तत्काली बंगाल के मुख्यमंत्री स्व.ज्योति बसु की सरकार ने श्वेत पत्र जारी करके सच्चाई को सबसे समक्ष रखने का काम कर चुके हैं। इतने बड़ी सच्चाई सबके समक्ष खुले रूप में रखने के बावजूद भी अलग गोरखालैंड राज्य गठन का विरोध करते हुए बंगाल के राजनेता से मंत्रियों ने बंग-भंग नहीं होने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बंगाल के नेता से लेकर मंत्रियों को दार्जिलिंग के इतिहास का अच्छी तरह से अध्ययन करने की सलाह दी।
एक प्रश्न के जवाब में आर मोक्तान ने कहा कि सिक्किम सरकार दार्जिलिंग को सिक्किम में शामिल करने से डरता है, उन्होंने सीधे कहा कि इसके प्रमाण वर्तमान सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की सरकार ने सिक्किम विधानसभा में 29 मार्च 2011 को गोरखालैंड का गठन करने का प्रस्ताव पारित करके दार्जिलिंग सिक्किम का होने का जो सच आम जनता के मन और मस्तिष्क में घूम रहा है उसको मिटाने के लिए मुख्यमंत्री चामलिंग ने प्रस्तावित गोरखालैंड का प्रस्ताव सिक्किम विधानसभा में पारित करने का कार्य करने का आरोप आर.मोक्तान ने लगाते हुए इसकी वास्तविकता से केंद्रीय नेताओं को अवगत कराने की घोषणा की।
(साभार - जागरण)
आर. मोक्तान ने कहा कि दार्जिलिंग भूभाग को लेकर वर्ष 86 में तत्काली बंगाल के मुख्यमंत्री स्व.ज्योति बसु की सरकार ने श्वेत पत्र जारी करके सच्चाई को सबसे समक्ष रखने का काम कर चुके हैं। इतने बड़ी सच्चाई सबके समक्ष खुले रूप में रखने के बावजूद भी अलग गोरखालैंड राज्य गठन का विरोध करते हुए बंगाल के राजनेता से मंत्रियों ने बंग-भंग नहीं होने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बंगाल के नेता से लेकर मंत्रियों को दार्जिलिंग के इतिहास का अच्छी तरह से अध्ययन करने की सलाह दी।
एक प्रश्न के जवाब में आर मोक्तान ने कहा कि सिक्किम सरकार दार्जिलिंग को सिक्किम में शामिल करने से डरता है, उन्होंने सीधे कहा कि इसके प्रमाण वर्तमान सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की सरकार ने सिक्किम विधानसभा में 29 मार्च 2011 को गोरखालैंड का गठन करने का प्रस्ताव पारित करके दार्जिलिंग सिक्किम का होने का जो सच आम जनता के मन और मस्तिष्क में घूम रहा है उसको मिटाने के लिए मुख्यमंत्री चामलिंग ने प्रस्तावित गोरखालैंड का प्रस्ताव सिक्किम विधानसभा में पारित करने का कार्य करने का आरोप आर.मोक्तान ने लगाते हुए इसकी वास्तविकता से केंद्रीय नेताओं को अवगत कराने की घोषणा की।
(साभार - जागरण)
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