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भारत-नेपाल बॉर्डर पर फिर बवाल, पुलिस की फायरिंग में 1 की मौत,12 घायल

काठमांडू/पटना : नेपाल के तराई क्षेत्र में मधेशी आंदोलन और उग्र हो गया है। वीरगंज के तीन पुलिस चौकी को आंदोलनकारियों ने फूंक दिया है। भारत- नेपाल के नो मेंस लैंड के पास मैत्रीपुल के पास धरना दे रहे आंदोलनकारियों के टेंट को पुलिस ने जला दिया है। पुलिस ने 25 राउंड फायरिंग की है। फायरिंग में एक की मौत हो गई है। जबकि 12 लोग घायल हो गये है। घायलों में तीन भारतीय भी शामिल है। रक्सौल बॉर्डर के पास नो मेस लैंड के पास आंदोलनकारी जुटे हुए और यहां पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। नेपाली पुलिस पर आंदोलनकारी देवेंद्र मिश्र ने आरोप लगाया है कि सुबह पांच बजे करीब सैकड़ों आंदोलनकारी सोए हुए थे कि इसी दौरान पुलिस पहुंची और लोगों को पैरों और डंडा से मारने लगी। वीरगंज में पुलिस ने तीन आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिससे कारण आंदोलन और उग्र हो गया है।

नेपाली पुलिस ने बनायी थी रणनीति
आंदोलनकारियों का कहना है कि मधेशियों पर कार्रवाई के लिए नेपाल पुलिस ने रणनीति बनायी है कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र बिहार में जब चुनाव होगा तो आंदोलनकारियों पर कार्रवाई की जायेगी। जिससे से आंदोलनकारी बिहार के क्षेत्रों में नहीं घूस पायेंगे।

79 दिनों से चल रहा आंदोलन
नेपाल में मधेशियों का आंदोलन 79 दिन से चल रहा है। मधेशियों ने नेपाल के नये संविधान का विरोध किया है। मधेशी अलग मधेश प्रदेश बनाने की मांग कर रहे है। इस आंदोलन के कारण बिहार की ओर से नेपाल जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया था। जिससे नेपाल में खाद्यान और पेट्रोलियम पदार्थों की सप्लाई नहीं हो पा रही थी। भारत से नहीं जाने पर नेपाल ने पेट्रोलियम पदार्थ के लिए चीन की मदद ले रहा है।

40 दिनों के बाद खुला रक्सौल बॉर्डर
मधेशी आंदोलन के कारण 40 दिनों से बंद रक्सौल-वीरगंज बॉर्डर को खोल दिया गया है। नेपाल पुलिस ने आंदोलनकारियों को जबरन हटाकर बॉर्डर को खोला है। भारत-नेपाल का 70 फीसदी कारोबार इसी रास्ते से होता है।




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