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जीटीए प्रमुख बोले अगले चार सौ दिन में करेंगे नौ हजार किमी की यात्रा

कालिम्पोंग : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुझसे पद-यात्रा रोक वार्ता के लिए नई दिल्ली आने की गुजारिश की है। सांसद एसएस अहलूवालिया ने भी पद-यात्रा स्थगित करने का निवेदन किया है परंतु, मैंने कोई जवाब नहीं दिया है। उक्त उद्गार जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग ने व्यक्त किए। वे गोरखालैंड जनजागरण पद-यात्रा के 33 वें दिन मंगलवार को 37 नंबर समष्टि के लोवर इच्छे के शिव मंदिर परिसर में नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि चार सौ दिन में नौ हजार किमी की यात्रा करनी है। मुझे अपने शरीर की परवाह नहीं। 

पद-यात्रा को व्यापक समर्थन मिलने का दावा करते हुए जीटीए प्रमुख ने राज्य सरकार पर विभाजनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया व कहा कि 70 वर्ष में गोरखाओं की स्थिति बदतर होती गई। मैं, ममता बनर्जी की धोती पकड़कर गोरखा जाति को धब्बा नहीं लगाना चाहता। जीटीए प्रमुख ने क्षेत्रीय विधायक डॉ. हर्क बहादुर छेत्री पर नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि जिला गठन की मांग करने वालों को भी देश के गृह मंत्री फोन करते हैं क्या। इससे पूर्व उन्होंने 19 बुजुर्गो को कमान सिंह रामूदामू वृद्धावस्था पेंशन का चेक प्रदान करने के साथ ही शिवालय के पास पशुपति जूनियर हाईस्कूल के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी किया।



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