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नेपाल में जारी हिंसा पर अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए की शांति की अपील

वाशिंगटन/ काठमांडू । नए संविधान के निर्माण के बाद नेपाल में जारी हिंसा पर अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए नेपाल की जनता से इस मामले का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने की अपील की है। अमेरिका ने नेपाली नेताओं को भी सलाह दी है कि वो नए संविधान के लिए अधिक से अधिक लोगों का समर्थन जुटाने के लिए शांतिपूर्ण कदम उठाएं। अमेरिका ने बीरगंज सीमा के नजदीक प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 19 साल के भारतीय युवक आशीष राम की मौत पर दुख जताते हुए उसके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है। गौरतलब है कि बिहार के रक्सौल जिले के निवासी आशीष राम की प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी जिसके बाद अमेरिका का ये बयान आया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रूडियो ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका नेपाल के हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। उन्होंने नेपाल की जनता से शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से लोकतात्रिक प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है साथ ही नेपाली सुरक्षाबलों को भी लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल किए जाने पर संयम बरतने को कहा है।

इस बात को लेकर नेपाल में हो रहा है प्रदर्शन
मधेसी खुद को नेपाल के तराई क्षेत्र में भारतीय मूल के लोगों का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और वे रक्सौल के नजदीक मुख्य व्यापार केंद्र के पास प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन की वजह सें भारत-नेपाल सीमा पर सामान की आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे नेपाल में ईंधन की काफी कमी हो गई है।

ये है मधेसियों की मांगें
मधेसी मोर्चे की मांग हैं कि संघीय प्रांतों का फिर से सीमांकन किया जाए और भारतीय मूल के मधेशी लोगों के अधिकारों और प्रतिनिधित्व को संविधान में शामिल किया जाए। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा ,घायल लोगों का नि:शुल्क इलाज, पीड़ितों के परिजन को मुआवजा जैसी मांगों को लेकर मधेशी समाज आंदोलन कर रहा है। इस मामले को लेकर नेपाल सरकार और मधेशी समाज के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही लेकिन उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने कहा कि वार्ता सही दिशा में आगे बढ रही है।गौरतलब है कि इस हिंसक आंदोलन में अबतक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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