गोरखा समाज के सारिका-राजू ने उत्तराखंड की मुस्लिम बेटी को मुंबई के नर्क से निकालकर पहुंचाया घर
दीपक राई
वीर गोरखा न्यूज पोर्टल
देहरादून : उत्तराखंड के गोर्खाली समुदाय ने एक बार फिर पूरे सूबे को दिखाया है कि वह मानवता के लिए हर बार सबसे आगे रहा है। अपनी वीरता के लिए मशहूर राज्य के गोर्खाली समुदाय की सारिका प्रधान ने उत्तराखंड की मुस्लिम बेटी को मुंबई के मानव तस्करों से बचाने में योगदान दिया है। सारिका प्रधान वर्तमान में गोर्खाली सुधार सभा, देहरादून की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष है और साथ ही मसूरी विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रही है। वहीं दार्जिलिंग के करीब डुआर्स - सिलीगुड़ी में मानव तस्करी के खिलाफ कार्य करने वाले डुआर्स एक्सप्रेसमेल के नाम से एक एनजीओ संचालित है। इसमें गोरखा समाज के राजू नेपाली लंबे समय से मानव तस्करी के खिलाफ देशभर में घूमकर वह पूरे भारतवर्ष में मानव तस्करी के खिलाफ जंग छेड़े हुए है।
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देहरादून : उत्तराखंड के गोर्खाली समुदाय ने एक बार फिर पूरे सूबे को दिखाया है कि वह मानवता के लिए हर बार सबसे आगे रहा है। अपनी वीरता के लिए मशहूर राज्य के गोर्खाली समुदाय की सारिका प्रधान ने उत्तराखंड की मुस्लिम बेटी को मुंबई के मानव तस्करों से बचाने में योगदान दिया है। सारिका प्रधान वर्तमान में गोर्खाली सुधार सभा, देहरादून की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष है और साथ ही मसूरी विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रही है। वहीं दार्जिलिंग के करीब डुआर्स - सिलीगुड़ी में मानव तस्करी के खिलाफ कार्य करने वाले डुआर्स एक्सप्रेसमेल के नाम से एक एनजीओ संचालित है। इसमें गोरखा समाज के राजू नेपाली लंबे समय से मानव तस्करी के खिलाफ देशभर में घूमकर वह पूरे भारतवर्ष में मानव तस्करी के खिलाफ जंग छेड़े हुए है।
इसी क्रम में डुआर्स एक्सप्रेसमेल ने मुंबई में देह व्यापार के गंदे दलदल में फंसी उत्तराखंड की एक मुस्लिम युवती को बाहर निकाला। चूंकि डुवार्स एक्सप्रेस की कोई शाखा उत्तराखंड में नहीं है, इसलिए उन्होंने यहां के गोरखा समाज से उक्त मुस्लिम बेटी को सकुशल घर पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा। सारिका प्रधान से संपर्क होने के बाद उनकी मदद से डुआर्स एक्सप्रेसमेल के राजू नेपाली ने देहरादून में मुस्लिम बेटी को मुंबई से पहुंचवाया। जिसके बाद देहरादून स्टेशन से उक्त मुस्लिम युवती को लेकर सारिका प्रधान की टीम ने उसे उसके घरवालों तक पहुंचा दिया। इस तरह एक बार फिर गोरखा समाज की ही एक बेटी ने उत्तराखंड की मजबूर और असहाय मुस्लिम बेटी को उसके घर पहुंचा कर गंगा-जमुनी संस्कृति की जिंदा मिसाल कायम की।
सारिका प्रधान ने वीर गोरखा से बात करते हुए बताया कि राज्य की ही नहीं बल्कि देश की हर बेटी के लिए उनके मदद के रास्ते सदैव खुले हुए है। मुस्लिम बेटी को उनकी यह मदद मानवता के नाते की गई एक छोटी सी मदद भर है। वहीं मुम्बई से छुड़वाकर लाई गई मुस्लिम युवती ने बताया कि वह डुआर्स एक्सप्रेसमेल और देहरादून की सारिका प्रधान और उनकी टीम का एहसानमंद है, जिनकी मदद से वह वापस अपने घर पहुंच पाई।
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