दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में 'संवैधानिक ऑटोनामी' और भाषागत अल्पसंख्यक मुद्दे पर CPI प्रतिबद्ध : येचुरी
कर्सियाग : रविवार को कर्सियांग में माकपा दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से आयोजित कार्यकर्ता सभा में माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य व राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने दार्जिलिंगं पहाड़ी क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहा ऑटोनामी को कानूनी तौर पर बरकरार किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि यहा संवैधानिक ऑटोनामी ऐसा बने, जिसमें राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप ना हो। नेपाली भाषा को मान्यता दिलाने के लिए दार्जिलिंग के अंदर बड़ी लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आठवीं अनुसूची में यह अंतर्भुक्त हो सका। यदि भाषागत अल्पसंख्यक ( लिंगुवेस्टिक माइनारिटी) का हैसियत इसे मिल जाये तो यहा काफी सुविधाएं प्राप्त होगी। संसद में आवाज बुलंद करने के लिए माकपा प्रतिबद्ध है। ये मेरा वादा है। केन्द्र सरकार से हम लड़ेंगे। परंतु एकता के आधार पर मात्र यह संभव है। यह बैठक यहां माकपा के वरिष्ठ नेता के.बी.वातर के अध्यक्षता में स्थानीय राज राजेश्वरी हॉल में सभा संपन्न हुई।
'पहाड़ी क्षेत्र सुविधाओं से रहा है वंचित'
उन्होंने आगे कहा कि कहा कि उत्तर -पूर्वी राज्य में नार्थ - ईस्ट काउंसिल बनाया गया है। यहां हिल एरिया डेवलपमेंट काउंसिल के नाम से विकास हो रहा है। वहा टैक्स में छूट है। परंतु दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र इसके बीच में पड़ने के बावजूद इस सुविधाओं से इसे वंचित रखा गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि यहा स्वायत्त परिषद बन जाये तो नौजवानों को शिक्षा, रोजगार आदि का अवसर मिलेगा। तकरीबन चार हजार लोग प्रतिदिन टाइगर हिल का नजारा व मनोरम दृश्य अवलोकन करने आते हैं। यहां से दार्जिलिंग, कालिम्पोंग व कर्सियाग को रोप-वे से जोड़ा जा सकता है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से विकसित हो सकता है।
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