मणिपुर : कथित बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कराएगा SIT से जांच, असम राइफल्स पर आरोप
नई दिल्ली/इम्फाल : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हुए बलात्कार के तीन कथित मामलों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया। इनमें से एक मामले में भारतीय सुरक्षा बल के जवानों पर एक नाबालिग के बलात्कार का आरोप है। जस्टिस मदन बी लोकुर और उदय यू ललित की पीठ ने एसआईटी के गठन के लिए केंद्र सरकार से सीबीआई के डीआईजी स्तर के पांच अधिकारियों या एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों के नाम देना के लिए कहा है। मणिपुर में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर्स एक्ट (आफ्सपा) लागू है जिसके तहत सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं।
मणिपुर में 20 साल के दौरान कथित 1528 फर्जी मुठभेड़ !
मणिपुर में बीस साल के दौरान हुई कथित 1528 फर्जी मुठभेड़ों के मामले में सेना की तरफ से सर्वोच्च अदालत में पेश भारत के एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को ये बुधवार (19 अप्रैल) को ये नाम देने के लिए कहा गया है। बुधवार को ही सर्वोच्च अदालत राज्य सरकार और याचिकाकर्ता एक्स्ट्रा जुडिशियल एक्जिक्यूशन विक्टिम फेमिलीज एसोसिएशन द्वारा सुझाए गए एसआईटी सदस्यों के नाम पर भी विचार करेगी।
भारतीय सेना-असम राइफल्स के जवान आरोपी
जिन तीन मामलों की सुप्रीम कोर्ट जांच कराने जा रहा है उनमें भारतीय सेना और अर्ध-सैनिक बल असम राइफल्स के जवान आरोपी हैं। पहले मामले में चार अक्टूबर 2003 को एक 13 वर्षीय बच्ची का दो जवानों ने कथित तौर पर बलात्करा किया। पीड़िता ने कथित तौर पर घटना के कुछ घंटे बाद आत्महत्या कर ली थी। अन्य दो मामले मणिपुरी लड़कियों टी मनोरमा और एलडी रेंगतुईवान की साल 2004 में की गई कथित प्रताड़ना और हिरासत में मौत से जुड़े हैं। मनोरमा मामला राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहा था।
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