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देहरादून : गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट में हुआ तख्तापलट ! संजय मल्ल का पार्टी पर कब्जे का दावा




ईश्वर थापा
वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
देहरादून : उत्तराखंड राज्य की गोरखा समाज की एकमात्र राजनितिक पार्टी गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट में तख्तापलट की खबरें चर्चाओं में है। स्वयंभू: कार्यकारी अध्यक्ष संजय मल्ल ने पार्टी पर कब्जे की बात कही है। उनका कहना है कि निवर्तमान अध्यक्ष उमा इंदिरा उपाध्याय ने बीते 3 साल में जीडीएफ को जमीन पर ला पटका है। ना तो उन्होंने 3 साल में कोई बैठक बुलाई और ना ही जीडीएफ की गतिविधियों को सक्रिय रूप से संचालित किया। गौरतलब है कि साल 2014 में 9 फरवरी में जीडीएफ के पूर्व अध्यक्ष सूर्य बिक्रम शाही की जगह उमा इंदिरा उपाध्याय को चयन चुनाव ले माध्यम से किया गया था।

तीन साल का कार्यकाल हो चूका है समाप्त

उमा उपाध्याय का चयन 3 वर्ष के कार्यकाल के लिए किया गया था। चूंकि अब 3 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो चुका है इसलिए संजय मल्ल ने स्वयं को कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया है।

संजय मल्ल की चालाकी नहीं चलेगी - उपाध्याय

वही उमा उपाध्याय ने मल्ल के स्वयं को अध्यक्ष घोषित किए जाने को चुनौती देते हुए फिलहाल खुद को जीडीएफ का मुखिया बताया। उपाध्याय का कहना है कि बिना किसी कार्यकारिणी घोषित किए हुए मल्ल को जीडीएफ का प्रमुख कैसे घोषित किया गया, इसका स्पष्टीकरण उन्हें देना चाहिए। फिलहाल देहरादून की एकमात्र गोरखा राजनितिक पार्टी वक्त के साथ-साथ बिखरते हुए अपने कई-कई मालिकों से आजिज आने लगी है।

इस फेसबुक पोस्ट के बाद से विवाद ने जन्म लिया।

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