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EXCLUSIVE : दार्जिलिंग में कौन दे रहा है बिमल गुरुंग के वर्चस्व को चुनौती ? मोर्चा प्रमुख के वफादार हुए सक्रिय

दीपक राई
वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
गोरखालैंड आंदोलन के उठापठक के बीच अब दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में राजनीति अलग दिशा में दौड़ती हुई नजर आ रही है। कोलकाता में मंगलवार के दिन हुए वार्ता में जाने के फैसले में जिस तरह से बिमल गुरुंग को अंधेरे में रखने के संकेत मिले, उसके बाद बाकायदा बिमल गुरुंग ने खुद को पीड़ित बताते हुए अपने ऊपर बड़े षड़यंत्र का आरोप जड़ दिया। रोचक बात तो तब घटी, जब कोलकाता रवाना होते समय गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बिमल के 'नाराज बयान' को तवज्जो नहीं दिया। इसके बाद जब प्रतिनिधिमंडल कोलकाता पहुंचा तो दूसरी तरह पहाड़ में भी बिमल गुरुंग की बेचैनी स्पष्ट समझ में आने लगी। कोलकाता के वार्ता के ठीक बाद ही गुरुंग ने एक बयान देकर कोलकाता के वार्ता से स्वयं को अलग कर दिया। इन सभी घटनाक्रम से एक सवाल बड़ी तेजी से उभरता हुआ नजर आ रहा है कि आखिर बिमल गुरुंग की बेचैनी का क्या कारण है ? उनको बार-बार आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अपनी ताकत जताने की कोशिश करनी पड़ रही है ?

मोर्चा में मनमुटाव की खबरें तेज

सूत्रों के अनुसार दार्जिलिंग में मोर्चा में भीतर ही भीतर दो गुट होने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि इसमें से एक धड़ा बंद को समाप्त कर राज्य सरकार से लगातार वार्ता करने के पक्ष में है ओर वहीं दूसरा पक्ष बंद लगातार जारी रखते हुए केवल केंद्र सरकार से बातचीत के फ़ेवर में है।

युवा मोर्चा के पोस्टर में बिमल विरोधी लोगों को चेतावनी

आखिर क्या है बिमल गुरुंग के इस नए डर की वजह ? इन सभी सवालों का जवाब भले ही कुछ समय बाद मिले लेकिन बिमल के खास समर्थकों ने पहाड़ में पोस्टर चस्पाने शुरू कर दिए है। इन पोस्टर के माध्यम से युवा मोर्चा बिमल को धोखा देने वाले अपने ही नेताओं से गोर्खाली जनता को सावधान रहना कह रही है। साथ ही बिमल को धोखा देकर अपने लिए पैसे और संपत्ति बनाने वाले नेताओं को नहीं छोड़ने की भी बात कही गयी है।

क्रामाकपा ने भी पोस्टर चस्पाकर राजनीति को दी हवा

वहीं आज शाम को क्रामाकपा ने भी पोस्टर चस्पाते हुए पहाड़ में अंतर्विरोध की राजनीति को हवा दे दी है। क्रामाकपा ने अपने पोस्टर में लिखा है कि अधिकार हमारा हम लड़कर लेंगे, भीख हम कभी नहीं मांगेंगे। भले ही हमें मरना पड़े, हम मरेंगे लेकिन बंगाल के सामने कभी नहीं झुकेंगे।






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