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देहरादून : अमर शहीद मेजर दुर्गा मल्ल जी की 112वाँ जन्म जयन्ती समारोह का पालन

वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क 
आज उत्तराखंड राज्य नेपाली भाषा समिति एवं सहयोगी संस्थाओं के तत्वाधान में अमर शहीद मेजर दुर्गा मल्ल जी के  112वें जन्म जयन्ती समारोह का भव्य आयोजन गोर्खाली सुधार सभा के मानेकशॉ सभागार में किया गया।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि बालकृष्ण बराल, उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति के अध्‍यक्ष मधुसूदन शर्मा, विशिष्ठ अतिथि कर्नल विक्रम सिंह थापा, कर्नल डीबी थापा, इंजीनियर मेग बहादुर थापा, राजन क्षेत्री (उपाध्यक्ष गोर्खाली सुधार सभा) एवं पदाधिकारियों ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन के साथ माल्यार्पण किया साथ ही दीप प्रज्जवित करते हुए उन्हें शत-शत नमन किया। 

मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि शहीद मेजर दुर्गा मल्लजी (1 जुलाई 1913-25 अगस्त 1944 ) आजाद हिंद फौज के प्रथम गोरखा सैनिक थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। दुर्गा मल्ल का जन्म 1 जुलाई 1913 को देहरादून के निकट डोईवाला में गोरखा राईफल्स के नायब सुबेदार  गंगाराम मल्ल क्षेत्री एवं पार्वती  देवी के घर में हुआ। वे बचपन से ही बहादुर और प्रतिभावान थे। उन्होंने गोरखा मिलिट्री इंटर कालेज में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।

सन् 1931 में मात्र 18 वर्ष की आयु में दुर्गा मल्ल जी  2/1 गोरखा राईफल्स में भर्ती हो गए। लगभग 10 वर्ष तक सेवारत रहने के बाद जब 1 सितम्बर 1942 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा 'आजाद हिंद फौज' का गठन हुआ, उसमें युवा दुर्गा मल्ल शामिल हो गए, जिसमें उनकी भूमिका बहुत सराहनीय थी।जिससे प्रभावित होकर नेताजी ने उन्हें मेजर की पदवी से नवाजा। बाद में उन्हें गुप्तचर शाखा का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया। 27 मार्च 1944 को महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्र करते समय मेजर दुर्गा मल्ल को अंग्रेजी सेना ने मणिपुर में कोहिमा के पास उखरूल में पकड़ लिया। युद्धबंदी बनाने और मुकदमें के बाद उन्हें बहुत कठिन यातनाएँ दी गईं और उन्हें माफी माँगने को कहा गया परंतु आजादी के दीवाने दुर्गा मल्ल ने माफी नहीं मांगी। 15 अगस्त 1944 को उन्हें  लाल किले की सेंट्रल जेल में लाया गया और दस दिन बाद 25 अगस्त 1944 को उन्हें फाँसी के फंदे पर चढा़ दिया गया। 

जाँबाज वीर मेजर दुर्गा मल्ल ने हँसते-हँसते माँ भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रभा शाह ने किया। इस अवसर पर महेश भूषाल ने दुर्गा मल्ल जी का जीवन परिचय सुनाया।उदय ठाकुर , श्रीमती पूजा सुब्बा चंद ने कविता पाठ किया। गुराँस सांस्‍कृतिक कला केंद्र के कलाकारों एवं देविन शाही, श्याम प्रकाश राई एवं सतीश थापा ने सांस्‍कृतिक प्रस्तुतियाँ दी।

आज इस समारोह में महासचिव श्याम राना, राजेंद्र मल्ल,  राज्यमंत्री ऋषि काण्डपाल ,कर्नल डीएस खड़का, कर्नल जीवन क्षेत्री, अशोक वल्लभ शर्मा, कैप्टन सुखदेव गुरूंग, बसंत गुरूंग, श्री अभिषेक शाही, गोपाल क्षेत्री, कैप्टन ओपी गुरूंग, संजय थापा, पीएन शेरपा, श्रीमती माया पँवार एवं उपस्थित महानुभावजनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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