छठ पर्व की तैयारियो से बाज़ार भी तेज
कालिम्पोंग। छठ पर्व की तैयारी जोरशोर से होने लगी है। यहां के मेला ग्राउंड में साफ-सफाई भी तेज हो गया है। इसके तहत ग्राउंड में व्रती महिलाओं के पूजा करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है और उनको किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसका ध्यान भी रखा जा रहा है। यहां के हिन्दी भाषी लोगों में इस पर्व को लेकर खास उत्साह है और इसके कारण वह जमकर खरीदारी में लगे हुए हैं। यही वजह है कि पूजन सामग्री के अलावा फल व अन्य सामान के मूल्य में भी वृद्धि हो गई है। यहां के वृद्ध लोगों ने बताया कि कालिम्पोंग में छठ पूजा की शुरूआत वर्ष 1905 में हुई थी। उस समय यहां हिन्दी भाषी और बिहार के लोगों की आबादी कम थी। इसके बाद धीरे-धीरे आबादी बढ़ती गई और यह पर्व से महापर्व बन गया।
लोगों की बढ़ती सहभागिता के कारण इस पर्व को भव्यता देने के लिए प्रशासन स्तर पर भी प्रयास किये जाने लगे। इसी के तहत छठ पूजा का आयोजन मेला ग्राउंड में किया जाने लगा। इस समय तो हालत यह है कि हिन्दी भाषी लोगों के साथ गोरखा समुदाय के लोगों में भी यह पर्व खासा स्थान रखने लगा है। इस पर्व के लिए व्रत रखने वाली महिलाएं इसको लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह एक ऐसा पर्व है, जिसका परिणाम शीघ्र दिखाई देता है। इस समय छठ के लिए मेला ग्राउंड में सुभाष गुप्त और ललित शर्मा के देखरेख में घाट निर्माण व सजावट का कार्य शुरू कर दिया गया है। पूरे दिन सफाई सहित अन्य कार्य जारी रहे। भोजपुरी युवा मंच, मारवाड़ी समाज, नेपाली समाज, भूटिया समाज की ओर से विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी छठ पूजा के लिए तैयारियों में लगे हुए हैं। दूसरी ओर, बाजार में पूजा सामग्री के मूल्य में वृद्धि आ गई है। प्रसाद में चढ़ने वाले सभी सामान महंगे हो गए हैं। हालांकि इससे पर्व पर असर तो नहीं पड़ रहा है, लेकिन लोग पहले की अपेक्षा खरीदारी नहीं कर रहे हैं।
लोगों की बढ़ती सहभागिता के कारण इस पर्व को भव्यता देने के लिए प्रशासन स्तर पर भी प्रयास किये जाने लगे। इसी के तहत छठ पूजा का आयोजन मेला ग्राउंड में किया जाने लगा। इस समय तो हालत यह है कि हिन्दी भाषी लोगों के साथ गोरखा समुदाय के लोगों में भी यह पर्व खासा स्थान रखने लगा है। इस पर्व के लिए व्रत रखने वाली महिलाएं इसको लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह एक ऐसा पर्व है, जिसका परिणाम शीघ्र दिखाई देता है। इस समय छठ के लिए मेला ग्राउंड में सुभाष गुप्त और ललित शर्मा के देखरेख में घाट निर्माण व सजावट का कार्य शुरू कर दिया गया है। पूरे दिन सफाई सहित अन्य कार्य जारी रहे। भोजपुरी युवा मंच, मारवाड़ी समाज, नेपाली समाज, भूटिया समाज की ओर से विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी छठ पूजा के लिए तैयारियों में लगे हुए हैं। दूसरी ओर, बाजार में पूजा सामग्री के मूल्य में वृद्धि आ गई है। प्रसाद में चढ़ने वाले सभी सामान महंगे हो गए हैं। हालांकि इससे पर्व पर असर तो नहीं पड़ रहा है, लेकिन लोग पहले की अपेक्षा खरीदारी नहीं कर रहे हैं।
एक नजर में बाजार भाव
सुप- 50 से 60 रुपये प्रति पीस
आटा- 16 से 20 रुपये किलो
देसी घी- 180 से दौ सौ प्रति किलो
गुड़ - 45 से 50 प्रति किलो
पत्ते वाली हल्दी- पांच रुपये पीस
पत्ते वाला अदरक- पांच रुपये पीस
फल
सेव - 80 से 90 प्रति किलो
संतरा- 50 से 60 प्रति किलो
केला - 20 दर्जन
बड़ा केला- 30 दर्जन
नारियल - 25 से 30 रुपये पीस
मौसमी - 30 प्रति किलो
संतरा- 30 से 35 प्रति किलो
सरीफा- 20 से 25 प्रति किलो
(साभार - जागरण )
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