कही गोरखालैंड से छूट ना जाए सिलीगुड़ी
कालिम्पोंग. गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन समझौता में 26 नंबर में जीटीए क्षेत्र त्रिस्तरीय जिला पंचायत व्यवस्था लागू करने का जो समझौता हुआ है, उसे देखा जाए तो एक बात समझ आएगी कि फिर दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद वाली स्थिति आ गई है। इस समझौते के तहत पहाड़ के तीन महकमा को मिलाकर दागोपाप का गठन किया गया था। इसके तहत सिलीगुड़ी को अलग महकमा बनाया गया था, इसी तर्ज पर फिर तीन पहाड़ के महकमा को पंचायत व्यवस्था लागू होती है तो फिर सिलीगुड़ी छूट जाएगा। यह दार्जिलिंग का अभिन्न अंग है। यह बातें शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान संविधान विशेषज्ञ आर मोक्तान ने कही। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत पहाड़ के तीन महकमा में लगाने के बाद सिलीगुड़ी को छोड़कर इस मसौदे पर हस्ताक्षर कर देना षड्यंत्र का हिस्सा है।
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