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गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने मनाया "समझौता दिवस"

कर्सियांग. गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने सोमवार को हस्ताक्षर दिवस मनाया। 22 अगस्त 1988 को दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद के मसौदे पर हस्ताक्षर हुआ था और दार्जिलिंग के लिए नया समझौता हुआ था। इसके तहत पंखाबाड़ी-गिद्धपहाड़ क्षेत्र के लंग्व्यू चिलाउनेधुरा में गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा समारोह का आयोजन किया। विलेज कमेटी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सभी कार्यकर्ताओं ने दागोपाप के योगदान को याद किया और पार्टी के लिए यह दिन ऐतिहासिक बताया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि यह दिन सभी गोरखाओं के लिए महत्वपूर्ण है और इसे याद रखना चाहिए। परिषद की स्थापना से पहाड़ में कई विकास कार्य हुए और कई योजनाओं से गोरखा समुदाय के लोग लाभान्वित हुए। इसकी गिनती नहीं की जा सकती है और इसके कई दूरगामी परिणाम सामने आए। ऐसे में इस दिन को किसी को भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख सुभाष घीसिंग ने आने वाले दिनों में गोरखाओं के छठी अनुसूची की योजना बनाई है और इसके लागू होने से पूरे गोरखा समुदाय को कई लाभ होंगे। इसे लागू कराना ही इस समय पहली प्राथमिकता है। इस दौरान सुभाष घीसिंग को ईमानदार नेता भी बताया गया।

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