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पर्यटन दिवस पर पहाड़ में पर्यटकों का टोटा

दार्जिलिंग। पहाड़ की बहारों को निहारने के लिए हर वर्ष देश-विदेश से सैकड़ों सैलानी यहां आते हैं। यहां की वादियों में वह वर्ष में एक बार अपना तनाव कम करने जरूर आते हैं। यहां उन्हें सुकून मिलता है। उनके आने का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन पूजा से पूर्व ही इसमें तेजी जाती है। पूजा शुरू होने को है। इसके बावजूद पर्यटन स्थल सूने हैं और पर्यटकों की संख्या कम रही। पर्यटन दिवस पर यहां आम तौर पर भीड़ रहती है, लेकिन मंगलवार को ऐसा नहीं था। हालांकि कुछ मिले तो वह वादियों की तारीफ करते नहीं अघा रहे थे। दार्जिलिंग में भी यहां पिछले दिनों आए भूकंप का असर मंगलवार को देखने को मिला। चौरस्ता, माल रोड, तेजिंग सहित अन्य स्थानों पर पर्यटकों की कुछ संख्या रही।

इस दौरान उन्होंने बातचीत में बताया कि पहाड़ उन्हें रोमांचित करते हैं। ज्यादातर पर्यटक अपने माता-पिता के कहने पर यहां आए हैं। मौसम खुशगवार होने से पर्यटक राहत में रहे। यही वजह रही कि पर्यटन स्थलों पर पर कुछ भीड़-भाड़ रही। हालांकि इससे ज्यादातर दुकानदारों की कोई खास आमदनी नहीं हो पाई, लेकिन पर्यटक को देखकर वह खुश रहे। दरअसल, कई दिनों से बारिश व मौसम खराब होने के कारण दार्जिलिंग के पर्यटन स्थल सुनसान ही रहे। इस बीच पर्यटकों को देखकर उन्हें आने वाले दिनों को सोचकर राहत हुई।

ब्रिटेन की जोन ने कहा कि वह दार्जिलिंग आने के लिए काफी रोमांचित थी। उनके दादा यहां आए और उन्होंने ही जोन को यहां के पर्यटन स्थलों व खासियत के बारे में बताया। हालांकि पिछले दिनों आए भूकंप के डर से भी वह उबर नहीं पाई हैं।उन्होंने कहा कि यहां आना काफी अच्छा रहा, लेकिन पहाड़ का मौसम खराब होने के कारण उन्होंने अपने लौटने का टिकट करा लिया है। कालिम्पोंग में भी यहां पूरे दिन ज्यादातर पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा छाया रहा। पूजा के शुरूआत में यहां काफी संख्या में सैलानियों की भीड़ होती है और ज्यादातर होटल बुक रहते हैं। इसके बावजूद पर्यटन दिवस पर पर्यटकों का ही यहां टोटा रहा। पिछले दिनों आए भूकंप का असर साफ देखने को मिला और मौसम अच्छा होने के बावजूद पर्यटक नदारद रहे। सभी दार्शनिक स्थल चहल-पहल से दूर रहे।

(साभार - जागरण)

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