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पहाड़ को उबरने नहीं दे रहा भूकंप

दार्जिलिंग। अभी कुछ दिन ही बीते थे कि फिर भूकंप ने अपने तेवर दिखाकर लोगों को सहमने पर मजबूर कर दिया। बीती रात अचानक आए भूकंप के बाद पूरी रात लोगों की डर, आशंका के बीच बीती। पिछले दिनों आए भूकंप के बाद बड़ी मुश्किल से लोग अपने घरों में जाने की हिम्मत जुटा पाए थे, लेकिन गुरुवार देर रात आए झटके से लोगों के मन में पूरे पहाड़ पर शंकाओं का बादल घिरता गया और कई ने अपनी रात सड़कों के नाम कर दी। यहां ज्यादातर घरों में लोग सो रहे थे। अचानक सवा 10 बजे के समीप आए भूकंप ने लोगों की नींद तोड़ दी और उनका चैन गायब हो गया। आनन-फानन में सभी लोगों ने अपने घर खाली कर दिये और बारिश होने के बावजूद सड़कों पर उतर आए।

रात घनी होती गई, लेकिन लोगों की आंखों से नींद गायब रही। दरअसल, रविवार को आए भूकंप के कारण कई लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं और कई घने इलाकों में बड़ी इमारतों के पास घर हैं। इसमें भी दरारें आ गई हैं। ऐसे में अचानक रात में आए झटके से लोग सहम उठे और आशंका में अपना घर खाली कर दिया। उन्हें डर था कि कहीं कोई इमारत धराशायी होकर उनके आशियाने पर कहर बनकर ना टूट पड़े। यही हाल गांव-बस्तियों में रहने वाले लोगों का भी रहा। सड़कों के फटने और कई स्थानों पर भूस्खलन आने से भी लोगों में प्रकृति के प्रति डर बढ़ता जा रहा है। हालांकि अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्सियांग में यहां बीती रात भूकंप आने के बाद लोगों के होश उड़ गए। सबसे ज्यादा बुरा हाल राहत शिविर में रह रहे लोगों का रहा। अचानक रात को कंपन हुई तो लोग घबरा गए। जब तक वह कुछ समझते भूकंप का असर खत्म हो चुका था।

इस दौरान एक-दूसरे को समझाने का क्रम भी बना रहा और थोड़ी देर में स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन डर लोगों में समाया रहा। कई स्थानों पर लोग अपने घरों के बाहर रहे और देर रात अपने घरों में गए। कालिम्पोंग में भी यहां अचानक भूकंप के झटके आने से लोग अपने घरों से चंद सेकेंड के अंदर ही बाहर आ गए। इस महकमा में पिछले दिनों आए भूकंप से चार लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे। इसके अलावा सरकारी व निजी संपति का भारी नुकसान हुआ था। ऐसे में लोगों के दिमाग में रविवार का भूकंप ताजा हो गया। झटके का असर खत्म होने के बाद भी लोगों के चेहरे पर डर की लकीरें खिंची रही।

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