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खंडूरी को मिल सकती है उत्तराखंड की बागडोर

देहरादून उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन को लेकर भाजपा हाईकमान शनिवार को फैसला करेगा। भाजपा ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को दिल्ली तलब किया है। मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक शुक्रवार देर रात ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए और आज सुबह दिल्ली पहुंचे। वह दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात के अलावा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की बैठक में भी भाग लेंगे। उन्होंने आज सुबह नीतिन से मुलाकात किया। विधानसभा चुनाव से मात्र छह माह पहले उत्तराखंड भाजपा में आए भूचाल से पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व परेशान है। इस परेशानी के कारण भाजपा की दुविधा भी खत्म नहीं हो रही है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। भाजपा हाईकमान ने निशंक के भविष्य को लेकर बृहस्पतिवार रात माथापच्ची की थी, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।

खंडूरी को मिल सकती है प्रदेश की बागडोर

पार्टी अब शनिवार को निशंक के साथ बातचीत करने के बाद ही अंतिम फैसला करेगी। शुक्रवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आलाकमान ने उत्तराखंड संकट की समीक्षा की और यह संकेत दिया गया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को एकजुट रखने के लिए निशंक का इस्तीफा लिया जा सकता है। उनका इस्तीफा लिए जाने की स्थिति में हाईकमान भुवन चंद्र खंडूरी को प्रदेश सत्ता की बागडोर सौंपने पर गंभीर है।

देर से चेते निशंक

वहीं कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे को भांपते हुए निशंक भी सक्रिय हो गए हैं। उनके समर्थक पार्टी नेतृत्व को खंडूरी के बारे में यह समझाने में जुटे हैं कि जिस नेता के मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी लोकसभा की सभी पांचों सीटें हार गईं अब वह भला विस चुनाव की नैया कैसे पार लगवा देगा। जबकि खंडूरी समर्थक गुट कह रहा है कि उत्तराखंड में अपनी साख व विश्वसनीयता खो चुके निशंक को मुख्यमंत्री बनाए रखने से भाजपा की स्थिति और खराब होगी। ले. जनरल टीपीएस रावत के भाजपा से बाहर हो जाने के बाद अब खंडूरी भी निशंक को मुख्यमंत्री बनाए रखने पर बगावत कर सकते हैं। इससे फौजी बहुल उत्तराखंड में भाजपा को चुनाव में मुश्किल हो सकती है। निशंक दिल्ली में शनिवार को होने वाली राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में भी शामिल होंगे।


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