भ्रष्टाचार का खात्मा सरकार की प्राथमिकता: खंडूरी
देहरादून। मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रहार करना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस दिशा में पहले दिन से ही उनकी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़कों की स्थिति सुधारने को टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। उन्होंने राज्य कर्मचारियों को डीए की किश्त जल्दी जारी करने का भी आश्वासन दिया। खंडूरी सचिवालय में आज पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश की तरह उत्तराखंड की जनता भी भ्रष्टाचार से त्रस्त है। उनकी सरकार उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने का प्रयास करेगी। इससे जनता के कष्ट कम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए चार निर्णयों से सरकार की प्राथमिकता को समझा जा सकता है। जल्दी ही प्रभावशाली लोकायुक्त बिल लाया जाएगा।
लोकायुक्त की रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री को भी रखा जाएगा। बेनामी संपत्ति जब्त करने और लोक सेवा अधिकार बिल लाने संबंधी कानून लाए जा रहे हैं। मंत्री अधिकारी अनिवार्य रूप से संपत्ति घोषित करेंगे। अन्य उपाय भी किए जाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा की वजह से खराब हो चुकी सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए टास्क फोर्स के गठन के आदेश दिए गए हैं। इसकी समुचित मानीटरिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री से आज कुछ कर्मचारी संगठनों ने भी मुलाकात की और कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मियों की तरह डीए की दो किश्तें न मिलने का मामला उठाया। राज्य सरकार ने हालांकि केंद्रीय कर्मियों की तरह राज्य के कर्मचारियों को भी डीए की किश्त देने की घोषणा कर दी थी, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से जनवरी तथा फिर जुलाई 2011 की किश्त अभी तक जारी नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही डीए की किश्त और पिछला बकाया जारी कर दिया जाएगा।
(साभार - जागरण)
लोकायुक्त की रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री को भी रखा जाएगा। बेनामी संपत्ति जब्त करने और लोक सेवा अधिकार बिल लाने संबंधी कानून लाए जा रहे हैं। मंत्री अधिकारी अनिवार्य रूप से संपत्ति घोषित करेंगे। अन्य उपाय भी किए जाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा की वजह से खराब हो चुकी सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए टास्क फोर्स के गठन के आदेश दिए गए हैं। इसकी समुचित मानीटरिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री से आज कुछ कर्मचारी संगठनों ने भी मुलाकात की और कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मियों की तरह डीए की दो किश्तें न मिलने का मामला उठाया। राज्य सरकार ने हालांकि केंद्रीय कर्मियों की तरह राज्य के कर्मचारियों को भी डीए की किश्त देने की घोषणा कर दी थी, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से जनवरी तथा फिर जुलाई 2011 की किश्त अभी तक जारी नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही डीए की किश्त और पिछला बकाया जारी कर दिया जाएगा।
(साभार - जागरण)
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