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कालिम्पोंग सरकारी दुकान खुली, उमड़े ग्रामीण

कालिम्पोंग।महकमा में कई गांव में आज भी लोग लकड़ी के ही भरोसे अपना खाना बनाते हैं और इसके लिए उन्हें लकड़ियां खरीदनी पड़ती हैं। असहयोग आंदोलन के दौरान पहाड़ में लकड़ियों की कटाई और इसके व्यवसाय पर पाबंदी लगाने के कारण इससे प्रदेश सरकार को काफी क्षति हो रही थी। इसके कारण सरकारी दुकानें बंद कर दी गई थी। इस बीच कालिम्पोंग नई सरकार के गठन होने के कुछ माह बाद ही लकड़ी की सरकारी दुकान खुल गई है। इससे आम लोगों के चेहरे पर खुशी गई है। उनका कहना है कि दुकान खुल जाने से लोगों को महंगे मूल्य पर अब लकड़ियां नहीं खरीदनी पड़ेगी। महकमा के वन विभाग के प्रबंधक एस गजमेर ने बताया कि यह कदम तस्करों को इस क्षेत्र में सक्रिय होने और उन पर लगाम लगाए जाने के लिए उठाया गया है। इससे ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। कालिम्पोंग के गोरुवत्थान के बूटा बारी, दार्जिलिंग तथा कर्सियांग में भी दुकानें खुल गई हैं। सरकारी बिक्री केंद्र होने के कारण यहां पिछले एक अगस्त को दुकान खुलते ही ग्रामीण उमड़ पड़े और खरीदारी की। यहां प्रतिदिन भीड़ हो रही है। रेंजर नयन चटर्जी ने बताया कि अभी बिक्री के बाबत कुछ स्पष्ट नहीं बताया जा सकता है, लेकिन बिक्री काफी हो रही है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।

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