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मदन हत्याकांड के बदले हुआ GTA समझौता - छत्रे सुब्बा

कालिम्पोंग। गोरखा लिबरेशन आर्गेनाइजेशन के प्रमुख छत्रे सुब्बा ने कहा कि मदन तमांग हत्याकांड मामले में गोजमुमो को बचाने के लिए जीटीए समझौता हुआ है। पूर्व सरकार ने भी यही किया और गोरखाओं में तोड़फोड़ की। वाम मोर्चा सरकार ने भी गोरामुमो प्रमुख सुभाष घीसिंग को खरीद लिया था और वर्तमान में भी सरकार ने यही किया। अपने आवास पर शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने अपने जेल में बिताए गए क्षण को भी बांटा। बताया कि जेल में रहने के दौरान उन्हें कई प्रलोभन दिये गए और ब्लैंक चेक का भी ऑफर दिया गया, लेकिन गोरखाओं के लिए कभी भी समझौता नहीं किया और आने वाले दिनों में भी यह नहीं किया जाएगा। यही नहीं ग्रेटर आटोनामस अथॉरिटी का भी न्यौता मिला और खरीदने की हर कोशिश की गई। इसके बावजूद आदमी चाह ले तो उसे कोई खरीद नहीं सकता है।

उन्होंने कहा कि अपना स्वार्थ सीधा करने के लिए सरकार ने जेल में बंद किये रखा और जुल्म ढाए। इस साजिश में सुभाष घीसिंग नहीं बल्कि तत्कालीन सरकार शामिल थी। जेल में बिताए गए क्षण काफी मुश्किलों से भरे रहे, लेकिन सत्य की अंतत: जीत हुई। अलग राज्य के मुद्दे पर छत्रे सुब्बा ने कहा कि यह संवैधानिक मांग है और इसका गठन संभव है। अनावश्यक इस मुद्दे को सब्जियों की तरह बेचा जा रहा है। गोरखालैंड को छोड़ने के कारण ही सुभाष घीसिंग का साथ छोड़ा था और इस मुद्दे को छोड़ने वाले का कभी भी साथ नहीं दिया जाएगा। अपनी मिट्टी के साथ कभी भी सौदा नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि जेल में रहने के दौरान उन्हें पहाड़ की स्थिति की जानकारी नहीं थी और वह रिटायर लेने की सोच रहे हैं। इस वर्ष के बारे में कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। जो करना था, वह कर दिया। अब जो करना है, वह जनता करेगी। बेटे के जेल जाने पर उन्होंने कहा कि दोषी होने पर उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बिना वजह उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए। इस दौरान क्रामाकपा की ओर से पूर्व में उनकी रिहाई के लिए किये गए प्रयास की भी उन्होंने सराहना की।

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