आसन झील में आ रहे है विदेशी परिंदे
देहरादून। चटकीले रंग-बिरंगे विदेशी पक्षी देवभूमि उत्तराखंड के मेहमान बनने लगे हैं। आसन झील में सबसे पहले सुर्खाब पहुंच रहे हैं। सार्दियां बढ़ने के साथ ही कई अन्य प्रजाति के विदेशी पक्षियों के पहुंचने के आसार बन रहे हैं। हिमाच्छादित पॉलीआर्टिक क्षेत्र और यूरोपीय देशों को छोड़कर उत्तराखंड में आने वाले विदेशी पक्षियों को यहां की पर्वत श्रृंखलाएं, कलोल करती नदियां, झील, झरने, मखमली बुग्याल और चीड़ बुरांश के जंगल बेहद भाते हैं।
उत्तराखंड की आसन झील के अलावा प्रवासी पक्षी वीरभद्र बैराज ऋषिकेश और भीमगोड़ा बैराज में आते हैं। ठंडे इलाकों साइबेरिया, रूस, कश्मीर, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और चीन आदि से प्रवासी पक्षियों का आना अक्टूबर में शुरू हो जाता है। चार महीने के प्रवास के बाद अप्रैल में यह पक्षी स्वदेश लौट जाते हैं। हिंदुस्तान की बेहतरीन बर्ड वाचिंग सेंटर बनी आसन झील में फिलहाल सुर्खाब ही पहुंचे रहे हैं। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर बोडिंग के लिए आने वाले पर्यटक बर्ड वाचिंग का आनंद ले रहे हैं। चकराता वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. धीरज पांडे के अनुसार, पिछले साल जिस तारीख में सुर्खाब आए थे, इस बार भी वही डेट रही। फिलहाल सुर्खाब ही दिखाई दे रहे हैं, सर्दी बढ़ने के साथ ही अन्य प्रजातियां भी आनी शुरू हो जाएंगी। जीएमवीएन के पर्यटन स्थल आसन के प्रबंधक विनोद पयाल के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ ही झील में पक्षियों की संख्या बढ़ती जाती है।
उत्तराखंड की आसन झील के अलावा प्रवासी पक्षी वीरभद्र बैराज ऋषिकेश और भीमगोड़ा बैराज में आते हैं। ठंडे इलाकों साइबेरिया, रूस, कश्मीर, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और चीन आदि से प्रवासी पक्षियों का आना अक्टूबर में शुरू हो जाता है। चार महीने के प्रवास के बाद अप्रैल में यह पक्षी स्वदेश लौट जाते हैं। हिंदुस्तान की बेहतरीन बर्ड वाचिंग सेंटर बनी आसन झील में फिलहाल सुर्खाब ही पहुंचे रहे हैं। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर बोडिंग के लिए आने वाले पर्यटक बर्ड वाचिंग का आनंद ले रहे हैं। चकराता वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. धीरज पांडे के अनुसार, पिछले साल जिस तारीख में सुर्खाब आए थे, इस बार भी वही डेट रही। फिलहाल सुर्खाब ही दिखाई दे रहे हैं, सर्दी बढ़ने के साथ ही अन्य प्रजातियां भी आनी शुरू हो जाएंगी। जीएमवीएन के पर्यटन स्थल आसन के प्रबंधक विनोद पयाल के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ ही झील में पक्षियों की संख्या बढ़ती जाती है।
यहां आने वाले विदेशी पक्षी
सुर्खाब, पिनटेल्स, ईग्रेट, ब्लैक गल्स, ब्लैक हेडेड स्ट्रोक, ग्रे क्रेस्टेड ग्रेब, गेडवाल, कूट, टफ्ड पोचर्ड, कामन पोचर्ड, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, गारजेनी, ग्रे लेग गीज, बार हेडेड गीज, मैलार्ड, विजियन, शावलर और कामन टेल।
(साभार - जागरण )
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