"गोरखालैंड राज्य" की रणनीति 18 दिसंबर को - गुरूंग
दार्जिलिंग। गोरखाओं के लिए अलग राज्य गोरखालैंड की मांग सौ वर्षो से भी ज्यादा समय से की जा रही है। इससे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने कभी समझौता नहीं किया था और किया जाएगा। अगले माह 18 दिसंबर को मंगपो में मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग आंदोलन के लिए पार्टी की रणनीति की घोषणा करेंगे। इसमें पहाड़ के लोगों की भागीदारी होगी।यह जानकारी मंगलवार को बातचीत के दौरान गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा के केंद्रीय महासचिव प्रियवर्द्धन राई ने दी। उन्होंने बताया कि मंगपो में विराट जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें अलग राज्य गोरखालैंड के लिए भावी रणनीति का खुलासा आम जनता के सामने किया जाएगा। इसका आयोजन गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा की ओर से किया जाएगा। इसके तहत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, यूपीए चेयरमैन, प्रदेश की मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों को पत्र देकर अलग राज्य की मांग की जाएगी।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि गोरखालैंड स्थानीय प्रशासन से गोरखालैंड के गठन को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह त्रिपक्षीय समझौता जिस समय राज्य व केंद्र सरकार के साथ किया जा रहा था तो उसी समय दस्तावेज में यह बात साफ कर दी गई थी कि इस समझौते से गोरखालैंड की मांग पर असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में इस मांग को लेकर वृहद आंदोलन करने में युवा मोर्चा को जरा सा भी समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर विमल गुरुंग सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक मंगलवार को सिंगमारी स्थित पार्टी कार्यालय में हुई। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें तय किया गया है कि जनसभा से पूर्व अन्य एजेंडे पर भी विचार किया जाएगा। जनसभा में युवा मोर्चा, नारी मोर्चा सहित अन्य इकाई के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रहेगी।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि गोरखालैंड स्थानीय प्रशासन से गोरखालैंड के गठन को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यह त्रिपक्षीय समझौता जिस समय राज्य व केंद्र सरकार के साथ किया जा रहा था तो उसी समय दस्तावेज में यह बात साफ कर दी गई थी कि इस समझौते से गोरखालैंड की मांग पर असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में इस मांग को लेकर वृहद आंदोलन करने में युवा मोर्चा को जरा सा भी समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर विमल गुरुंग सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक मंगलवार को सिंगमारी स्थित पार्टी कार्यालय में हुई। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें तय किया गया है कि जनसभा से पूर्व अन्य एजेंडे पर भी विचार किया जाएगा। जनसभा में युवा मोर्चा, नारी मोर्चा सहित अन्य इकाई के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रहेगी।
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