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दून की बदहाल सड़कों को दुरुस्त करेंगे मुख्य सचिव

देहरादून। दून की बदहाल सड़कों की मरम्मत पर तारीख पर तारीख दी जा रही है, लेकिन उस तारीख तक सड़कें ठीक नही की जा रही हैं। कुछ दिन पहले एडीबी की कार्यक्रम निदेशक राधिका झा ने सड़कवार मरम्मत की कटऑफ डेट तय की, हश्र यह हुआ कि पहली कटऑफ डेट पर ही सड़कों का कार्य पिछड़ गया। अब मुख्य सचिव ने अफसरों की बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए हैं कि छह दिसंबर तक सभी सड़कों की मरम्मत कर ली जाए अन्यथा अधिकारी ठेकेदारों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा

गुरुवार को सचिवालय में अफसरों को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सीवर व पेयजल लाइन बिछाने के लिए खोदी जा रही सड़कों को समय पर दुरुस्त नहीं किया जा रहा। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अधिक यातायात दबाव वाली रायपुर रोड, इंदर, बलवीर व ईसी रोड को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाए। सीएस ने मरम्मत को लेकर एडीबी व लोनिवि के मानकों में आ रहे अंतर के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था करने पर हामी भरी। जेएनएनयूआरएम के तहत चौराहों के चौड़ीकरण की गति बढ़ाने के लिए भी मुख्य सचिव ने कहा। चकराता रोड की राह आसान करने के लिए चौड़ीकरण की जद में आ रही संपत्ति का मूल्यांकन 15 दिन में पूरा करने की बात तय की गई। बैठक में प्रमुख सचिव शहरी विकास डॉ. रणवीर सिंह, गढ़वाल मंडल के आयुक्त अजय नबियाल, लोनिवि के अपर सचिव अमित नेगी, अपर सचिव शहरी विकास राधिका झा, जिलाधिकारी दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

बैठक के फैसले

-सड़कों की मरम्मत में लेटलतीफी पर एडीबी विंग के अफसर व ठेकेदार पर गिरेगी गाज

-एडीबी व लोनिवि के मानकों में अंतर के चलते सड़क की मरम्मत में तय शर्तों से अधिक लागत आ रही थी। इसके लिए मुख्य सचिव ने पौने दो करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की बात कही

-एडीबी के नोडल अधिकारी नियमित रूप से सड़कों की प्रगति से जिलाधिकारी व एडीबी निदेशक को अपडेट कराएंगे

-चौराहों का चौड़ीकरण 30 नवंबर तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश

-लैंसडौन, कनक व ऐस्लेहॉल चौक पर पेड़ों के कटान पर हाईकोर्ट का स्टे है। इसे निरस्त कराने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी के निर्देश

-नई पेयजल लाइन के तहत जो लोग निजी कनेक्शन लेना चाहते हैं, उनसे रोड कटिंग का चार्ज न लिया जाए।

इन पर फैसला कब ?

सीवर व पेयजल लाइन - एडीबी के तहत खोदी जा रही सड़कों की मरम्मत के लिए समयसीमा तो तय की जा रही है, मगर जेएनएनयूआरएम के तहत बिछ रही सीवर लाइनों और फिर सड़क की मरम्मत के लिए कोई व्यवस्था नहीं

चौक चौड़ीकरण

चौराहों के इर्द-गिर्द निजी संपत्ति के अधिग्रहण के लिए नौ करोड़ रुपये के मुआवजे का बजट रिलीज करना। केंद्र से जारी बजट की दूसरी किश्त को रिलीज करना। चौराहों से पेड़, खंबों, अतिक्रमण व राजनीतिक दबाव आदि की बाधा दूर करना

चकराता रोड चौड़ीकरण

व्यापारियों की मांग पर एमडीडीए व शासन की सहमति न बन पाना। सर्किल रेट, भूमि का फ्रीहोल्ड, दुकानों का साइज, किराएदारी व्यवस्था आदि का निराकरण

(साभार - जागरण)

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