मशहूर क्रिकेट लेखक पीटर रोबक ने खुदखुशी की
इस बीच, पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद उन्होंने अपने एक साथी क्रिकेट पत्रकार से सहायता मांगते हुए जल्दही एक वकील उपलब्ध कराने को कहा था। इससे पूर्व 2001 में कोचिंग के दौरान दक्षिण अफ्रीका के तीन युवा क्रिकेटरों के साथ मारपीट करने के कारण उन्हें जेल की भी सजा हुई थी और बाद में उन्होंने अपनी इस गलती को स्वीकार कर लिया। कूदने के बाद उन्हें होटल में लाया गया लेकिन उन्हें तुरंत मृत घोषित कर दिया गया। भारतीय समाचार पत्रों के लिए भी लिखने वाले रोबक यहां आस्ट्रेलिया और मेजबान देश के बीच टेस्ट सीरीज कवर करने आए थे। इससे पूर्व पाकिस्तान के क्रिकेट कोच बॉब वूल्मर की भी 2007 में वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप के दौरान होटल के अपने कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वूल्मर की मौत को भी कभी हत्या और कभी आत्महत्या करार दिया जाता रहा। उनकी मौत की गुत्थी आज तक नहीं सुलझी है।
स्थानीय पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन में जन्में 55 वर्षीय रोबक ने आत्महत्या की। उन्होंने के दशक में समरसेट की कप्तानी की। बयान के अनुसार, 'कार्यालय पुष्टि कर सकता है कि शनिवार रात लगभग सवा नौ बजे क्लेयरमोंट के होटल में एक घटना हुई जिसमें आस्ट्रेलियाई कमेंटेटर के रूप में काम कराने वाले ब्रिटेन के 55 वर्षीय नागरिक ने आत्महत्या कर ली।' उन्होंने कहा, 'इन घटना से जुड़ी परिस्थितियों की जांचकी जा रही है। मामले की जांच हो रही है।' रोबक आस्ट्रेलियाई ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन के लिए रेडियो कमेंटेटर के तौर पर आस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका सीरीज कवर कर रहे थे। वह आस्ट्रेलिया के फायरफेक्स समाचार पत्रों के भी लिखते थे। उनकी आत्महत्या से जुड़ी परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हो पाई हैं, लेकिन इस तरह की रिपोर्ट है कि बाहर से डिनर करके सदर्न सन होटल न्यूलैंड्स लौटने के बाद स्थानीय पुलिस ने उनसे बात की थी। होटल ने भीएक बयान जारी करते हुए कहा, 'साउदर्न सन न्यूलैंड्स में हुई एक घटना की अभी पूर्ण पुलिस जांच चल रही है।' 1980
रोबक का जन्म छह मार्च 1956 में हुआ और उनके माता पिता शिक्षक थे। उन्होंने कैंब्रिज में कानून की पढ़ाई की और क्रिकेट लेखक बननेसे पहले 335 प्रथम श्रेणी मैच खेले। साल 1988 के विजडन क्रिकेटर आफ द ईयर रहे रोबक ने प्रथम श्रेणी मैचों में 37.27 की औसत से 33 शतकों की मदद से 17,558 रन बनाए। उन्होंने इंग्लैंड की उस टीम की अगुआई भी की जिसे नीदरलैंड्स के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। रोबक ने 1991 में शीर्ष स्तर के क्रिकेट को अलविदा कहा। रोबक की मौत के साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हेराल्ड के प्रबंध खेल संपादक इयान फज ने कहा, 'पीटर बेहतरीन लेखक था जो क्रिकेट प्रेमी आस्ट्रेलियाई लोगों के लिए कवि की तरह था।' उन्होंने कहा, 'वह बेजोड़ इंसान भी था जिसकी निश्चित तौर पर कमी खलेगी।' एबीसी के ग्रैंडस्टैंड खेल कार्यक्रम के प्रमुख क्रेग नोरेनबर्ग्स नेरोबक की मौत के समाचार को 'बेहद दुखद खबर' करार दिया। उन्होंने कहा, 'शानदार पत्रकार के अलावा वह ग्रैंडस्टैंड कमेंटरी टीम का अभिन्न अंग थे।' नोरेनबर्ग्स ने कहा, 'हमारे लिए वह क्रिकेट के खेल को इस तरह पेश करते थे कि अगर आपको खेल पसंद नहीं है तो भी वह तरह काम करता था आपको वह पसंद आएगा।' रोबक ने खेल पर कई किताबें लिखी और उन्हें उनकी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाना जाता था।
(साभार - जागरण)
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