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"फूलो के रंग से दिल की कलम से" - देव आनंद का सफ़र

दीपक राई
धर्मदेव
आनंद जो की देव आनंद के नाम से प्रसिद्ध है, का जन्म 26 सितम्बर 1923 में गुरदास पुर (जो अब नारोवाल जिला, पकिस्तान में है) में हुआ और उनकी मृत्यु 4 दिसंबर 2011 को लंदन में हार्ट अटैक से हुआ। ये भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फिल्म निर्माता हैं। उनके पिता किशोरीमल आनंद पेशे से वकील थे। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। देव आनंद के भाई, चेतन आनंद और विजय आनंद भी भारतीय सिनेमा में सफल निर्देशक रहे हैं। उनकी बहन शील कांता कपूर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक शेखर कपूर की माँ है। भारतीय सरकार ने देव आनंद को भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए 2001 में पद्मा भूषण और 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कारों से सम्मानित किया।

फिल्मी सफर

देव आनंद काम की तलाश में मुंबई आये और उन्होंने मिलट्री सेंसर ऑफिस में 160 रुपये प्रति माह के वेतन पर काम की शुरुआत की! शीघ्र ही उन्हें प्रभात टाकीज़ एक फिल्म हम एक हैं में काम करने का मौका मिला! और पूना में शूटिंग के वक़्त उनकी दोस्ती अपने ज़माने के सुपर स्टार गुरु दत्त से हो गयी! कुछ समय बाद अशोक कुमार के द्वारा उन्हें एक फिल्म में बड़ा ब्रेक मिला! उन्हें बॉम्बे टाकीज़ प्रोडक्शन की फिल्म ज़िद्दी में मुख्य भूमिका प्राप्त हुई, और इस फिल्म में उनकी सहकारा थीं कामिनी कौशल, ये फिल्म 1948 में रिलीज़ हुई और सफल भी हुई! 1949 में देव आनंद ने अपनी एक फिल्म कम्पनी बनाई, जिसका नाम नवकेतन रखा गया, इस तरह अब वो फिल्म निर्माता बन गए!

देव आनंद साहब ने अपने मित्र गुरुदत्त का डाइरेक्टर के रूप में चयन किया और एक फिल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था बाज़ी, ये फिल्म 1951 में प्रदर्शित हुई और काफी सफ़ल हुई! इसके बाद देव साहब नें कुछ भूमिकाएं निभाई जो कुछ नकरात्मक शेड लिए थीं! जब राज कपूर की आवारा पर्दर्शित हुई, तभी देव आनंद की राही और आंधियां भी प्रदर्शित हुईं! इसके बाद आई टेक्सी ड्राईवर, जो हिट साबित हुई! इस फिल्म में इनके साथ थीं कल्पना कार्तिक, जिन्होंने देव साहब के साथ विवाह किया, और 1956 में इन्हें एक पुत्र हुआ, जिसका नाम सुनील आनंद रखा गया! इसके बाद उनकी कुछ फिल्में आयीं जैसे, मुनीम जी, सी आई डी और पेइंग गेस्ट, उसके बाद तो हर नौजवान उनके स्टाइल का दीवाना हो गया और उनका स्टाइल अपनाने की कोशिश करता!

1955 में उन्होंने उस ज़माने के एक और सुपर स्टार दिलीप कुमार के साथ काम किया, और फिल्म का नाम था इंसानियत. 1958 में उनको फिल्म काला पानी के लिए बेहतरीन कलाकार के पुरस्कार से नवाज़ा गया ! इसके बाद उनके जीवन में सुरैय्या आईं, जिनके साथ उन्होंने 6 फिल्मो में काम किया! एक बार देव आनंद ने शूटिंग के दौरान सुरैया को पानी में डूबने से बचाया तब से वो उन्हें प्यार करने लगीं, लेकिन सुरैया की दादी धार्मिक कारणों से इनके रिश्ते के खिलाफ थीं! सुरैय्या आजीवन कुंवारी ही रहीं! देव आनंद ने अभी कुछ ही समय पहले स्वीकार किया, की वो उनसे प्यार करते थे, यदि उनकी शादी सुरैया के साथ हो गयी होती तो उनका जीवन शायद कुछ और ही होता!

1965 में उनकी पहली रंगीन फिल्म प्रदर्शित हुई, जिसका नाम था गाइड, ये एक मशहूर लेखक आर के नारायण के अपन्यास पर आधारित थी, जिसका निर्माण उनके छोटे भाई विजय आनंद ने किया था, इस फिल्म में देव आनंद के साथ थीं वहीदा रहमान! ये फिल्म देव साहब ही बेहतरीन फिल्मों में से एक है, जिसके बारे में कहा जाता है की अब दुबारा गाइड कभी नहीं बन सकती, ऐसी फिल्म सिर्फ एक बार ही बनती है!

उसके
बाद उन्होंने विजय आनंद के साथ मिल कर एक और फिल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था ज्वेल थीफ, इसमें उनके साथ थीं, वैजयंती माला, तनूजा, अंजू महिन्द्रू और हेलेन! इसके बाद उनकी अगली फिल्म थी जॉनी मेरा नाम, जो उस समय सफलतम फिल्मों में से एक थी!

1970 में बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म आई प्रेम पुजारी, जो सफल नहीं हुई, लेकिन अगले ही वर्ष उनके द्वारा निर्देशित फिल्म हरे राम हरे कृष्णा ने सफलता का स्वाद चखा इस फिल्म में उनकी खोज ज़ीनत अमान ने "जेनिस" नाम की लड़की का किरदार निभाया, जो माता पिता के तनाव से तंग कर हिप्पियों के समूह में शामिल हो जाती है! इसी वर्ष उनकी एक और फिल्म तेरे मेरे सपने पर्दर्शित हुई, जिसमें उनके साथ थीं मुमताज़, ये फिल्म .जे क्रोनिन के उपन्यास The Citadel पर आधारित थी, इस फिल्म को उनके भाई विजय आनंद द्वारा निर्देशित किया गया था!

ज़ीनत
अमान के बाद उनकी नयी खोज थी टीना मुनीम, जिनके साथ उन्होंने 1978 में फिल्म देस परदेस का निर्माण किया, ये भी उनकी एक सफल फिल्म थी! 1977 में उन्होंने एक राजनितिक दल नेशनल पार्टी ऑफ़ इंडिया का निर्माण किया, जो की तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी के खिलाफ था ! लेकिन ये राजनितिक दल ज्यादा समय तक नहीं रहा! देव आनंद की फिल्में उनके संगीत के कारण भी प्रसिद्ध है, उनकी फिल्मों का संगीत आज भी लोगों को मंत्र मुग्ध करता है!

उन्होंने जिन संगीतकारों, लेखकों और गायकों के साथ काम किया उनमे से कुछ इस प्रकार हैं, शंकर-जयकिशन, पी नैयर, कल्याण जी- आनंद जी, सचिन देव बर्मन, राहुल देव बर्मन, लेखक: हसरत जयपुरी, मज़रूह सुल्तानपुरी, नीरज, शैलेन्द्र, आनंद बख्शी, गायक: मोह्हमद रफ़ी, महेंद्र कपूर, किशोर कुमार, मुकेश आदि!

सितम्बर 2007 में उनकी आत्मकथा रोमांसिंग विद लाइफ उनके जन्म दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गयी, जहाँ भारत के प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी भी उपस्थित थे!

देव
आनद की फिल्मोग्राफी

2005 मिस्टर प्राइम मिनिस्टर
2003 अमन के फरिश्ते
2003 लव एट टाइम्स स्क्वैर
2001 सेंसर
1996 रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ
1994 गैंगस्टर
1991 सौ करोड़
1990 अव्वल नम्बर
1989 सच्चे का बोलबाला
1989 लश्कर
1985 हम नौजवान
1984 आनन्द और आनन्द
1982 स्वामी दादा
1980 मन पसन्द
1980 लूटमार
1978 देस परदेस
1977 साहेब बहादुर
1977 डार्लिंग डार्लिंग
1977 कलाबाज़ विजय
1976 जानेमन
1976 बुलेट
1975 वारंट
1974 अमीर गरीब
1974 इश्क इश्क इश्क
1974 प्रेम शस्त्र
1973 शरीफ़ बदमाश
1973 छुपा रुस्तम
1973 जोशीला
1973 बनारसी बाबू
1973 हीरा पन्ना
1972 यह गुलिस्ताँ हमारा
1971 गैम्बलर
1971 तेरे मेरे सपने
1971 हरे रामा हरे कृष्णा
1970 जॉनी मेरा नाम
1970 प्रेम पुजारी
1970 द ईविल विद इन
1969 महल
1968 दुनिया
1968 कहीं और चल
1967 ज्वैलथीफ
1966 प्यार मोहब्बत
1965 गाइड
1965 तीन देवियाँ
1964 शराबी
1963 तेरे घर के सामने
1963 किनारे किनारे
1962 असली नकली
1962 बात एक रात की
1961 जब प्यार किसी से होता है
1961 हम दोनों
1961 माया
1961 रूप की रानी चोरों का राजा
1960 जाली नोट
1960 बम्बई का बाबू
1960 एक के बाद एक
1960 काला बाज़ार
1960 मंज़िल
1960 सरहद
1959 लव मैरिज
1958 काला पानी
1958 अमर दीप
1958 सोलवाँ साल
1957 बारिश
1957 दुश्मन
1957 नौ दो ग्यारह
1957 पेइंग गेस्ट
1956 सी आई डी
1956 फंटूश
1956 पॉकेटमार
1955 मुनीम जी
1955 फ़रार
1955 हाउस नम्बर 44
1955 इन्सानियत
1955 मिलाप
1954 टैक्सी ड्राइवर
1954 बादबाँ
1954 कश्ती
1953 अरमान
1953 हमसफर
1953 पतिता
1953 राही
1952 आँधियां
1952 जाल
1952 तमाशा
1952 ज़लज़ला
1951 आराम
1951 बाज़ी
1951 दो सितारे
1951 नादान
1951 सनम
1951 सज़ा
1951 स्टेज
1950 निराला
1950 अफ़सर
1950 बिरहा की रात
1950 दिलरुबा
1950 हिन्दुस्तान हमारा
1950 खेल
1950 मधुबाला
1950 निली
1949 जीत
1949 शाइर
1949 शायर
1949 उधार
1948 हम भी इंसान हैं
1948 विद्या
1948 ज़िद्दी
1947 आगे बढ़ो
1947 मोहन
1946 हम एक हैं

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