अब BJP ने दी ममता बनर्जी और बिमल गुरुंग को एक साथ बैठकर भाषा विवाद को सुलझाने की समझाईश
दार्जिलिंग
: राज्य के सभी माध्यम के विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय भाषा
में कोई एक भाषा बांग्ला पढ़ने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फरमान के बाद
पार्वत्य क्षेत्र में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा व उसके अन्य संगठनों द्वारा
द्वारा किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन पर राजनीति भी तेज हो गई है। राज्य की
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस जहां इसे गोजमुमो के साथ राजनीतिक रूप से लड़ने
की बात कही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार व गोरखा जनमुक्ति
मोर्चा के साथ बैठकर इस समस्या के समाधान करने की बात कही है। भारतीय जनता
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय
ने कहा कि ममता बनर्जी द्वारा राज्य के सभी स्कूलों में बांग्ला भाषा
अनिवार्य करने से पहले गोजमुमो के साथ बैठकर इस पर चर्चा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत के माध्यम से ही हो सकता
है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नजरअंदाज जबरन कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता
है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जनता इस निर्णय का विरोध कर रही है, जबकि
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान करने के लिए
सहमति नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि पहाड़ पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन
में भाजपा शामिल नहीं होगी।
वहीं दूसरी ओर राज्य के पर्यटन मंत्री व दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष गौतम देव ने कहा कि पहाड़ पर गोजमुमो द्वारा गैरकानूनी रूप से बंद कराए गए स्कूलों अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रशासन हर जरूरी कदम उठाएगी। वहीं गोजमुमो द्वारा भाषा मामले में जो जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, इसे हम राजनीतिक रूप से पहाड़ की जनता के पास ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जनता गोजमुमो द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का साथ नहीं देगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के इस आदेश का विरोध करते हुए एक व दो जून को गोजमुमो व उसके अन्य संगठनों द्वारा पहाड़ के सभी विद्यालयों में हड़ताल बुलाई गई थी।
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