CM ममता के दमन-अत्याचार के विरोध में मिरिक की जनता ने किया घरों-दुकानों की बत्ती बंद करके "ब्लैकआउट"
वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
मिरिक : ममता बनर्जी के तानाशाही फरमान के विरोध में आज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा शुरू किए आंदोलन में मिरिक महकमे में स्थानीय जनता ने विरोधस्वरूप शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच समूचे इलाके को सांकेतिक तौर पर अपने-अपने घरों और दुकानों की बत्ती बंद करते हुए समूचा ब्लैकआउट रखकर आंदोलन के पहले दिन को सफल बनाया। मोर्चा के नेता बिनॉय तमांग ने बेहद काम समय में मिरिक की जनता से किए अनुरोध को व्यापक समर्थन देने के लिए वहां की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि अब यह आंदोलन में स्थानीय लोगों की हिस्सेदारी कल से और अधिक देखने को मिलेगी। मिरिक का व्यस्तम सौरेनी बाजार पूरी तरह विरोध स्वरुप अँधेरे में डूबा रहा।
कल से समूची मिरिक सब डिवीजन की जनता से मोर्चा ने शाम के दो घंटे अपने-अपने क्षेत्र को अन्धेरा रखकर राज्य सरकार के बांग्ला भाषा अनिवार्यता क़ानून का विरोध करने का आह्वान किया है। इसके अलावा पहाड़ के कालिम्पोंग जिले के मंगल डाढा के 250 परिवारों ने अपने घर की बत्ती को शाम के समय दो घंटे बंद रखने की बात कही है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दमन और अत्याचार के विरोध में मिरिक की जनता के तेवर देखकर हाल ही में मिरिक नगर पालिका में काबिज हुए तृणमूल कांग्रेस परेशान हो उठी है।
कल से समूची मिरिक सब डिवीजन की जनता से मोर्चा ने शाम के दो घंटे अपने-अपने क्षेत्र को अन्धेरा रखकर राज्य सरकार के बांग्ला भाषा अनिवार्यता क़ानून का विरोध करने का आह्वान किया है। इसके अलावा पहाड़ के कालिम्पोंग जिले के मंगल डाढा के 250 परिवारों ने अपने घर की बत्ती को शाम के समय दो घंटे बंद रखने की बात कही है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दमन और अत्याचार के विरोध में मिरिक की जनता के तेवर देखकर हाल ही में मिरिक नगर पालिका में काबिज हुए तृणमूल कांग्रेस परेशान हो उठी है।
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