बंगाली भाषा के नाम पर पहाड़ के दमन पर उतरी CM ममता बनर्जी, GJM-TMC आमने-सामने, सेना तैनात
दार्जिलिंग: ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) का आंदोलन गुरुवार शाम को हिंसक हो गया। इस दौरान आगजनी और पथराव में नॉर्थ बंगाल के डीआईजी समेत 50 पुलिसवाले घायल हुए। ऑफिशियल सोर्सेस के मुताबिक, प्रोटेस्ट में हिंसा के बाद आर्मी तैनात कर दी गई है। GJM ममता सरकार के उस फैसले का विरोध कर रही है, जिसमें सरकारी स्कूलों में पहली से 10वीं तक बंगाली भाषा को पढ़ाना कंपल्सरी कर दिया गया है। आंदोलन उस वक्त हिंसक हो गया, जब यहां राजभवन के सामने ममता बनर्जी कैबिनेट की मीटिंग खत्म करके निकलीं। अलग गोरखालैंड राज्य बनाने और बंगाली भाषा पढ़ाए जाने का विरोध करते हुए GJM कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया। बता दें कि कोलकाता के बाहर ये पहली स्टेट कैबिनेट की मीटिंग थी।
नाराज आंदोलनकारियों ने बस जलाई
प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के दमन से नाराज आंदोलनकारियों ने दार्जिलिंग से सिलिगुड़ी के बीच चलने वाली बस को फूंक दिया। कुछ जगहों पर पुलिस और GJM वर्कर्स के बीच झड़प हिंसक हो उठी। प्रोटेस्टर्स को काबू करने के लिए पुलिस को कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। पथराव के दौरान DIG, ASP और महिला कॉन्स्टेबल समेत 50 पुलिसवाले घायल हो गए।
जो चाहे पढ़ सकते हैं लोग- ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हिल स्टेट के लोग जो चाहें, वो पढ़ सकते हैं। बंगाली भाषा को उनके लिए कंपलसरी नहीं किया गया है। अच्छा काम होने से कोई नहीं रोक सकता है। हम हिल स्टेट में डेवलपमेंट करना चाहते हैं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं।" आंदोलन पर उन्होंने कहा, "ये उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें ऐसा करने दीजिए। उनके पास कोई समस्या नहीं है।"
नाराज आंदोलनकारियों ने बस जलाई
प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के दमन से नाराज आंदोलनकारियों ने दार्जिलिंग से सिलिगुड़ी के बीच चलने वाली बस को फूंक दिया। कुछ जगहों पर पुलिस और GJM वर्कर्स के बीच झड़प हिंसक हो उठी। प्रोटेस्टर्स को काबू करने के लिए पुलिस को कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। पथराव के दौरान DIG, ASP और महिला कॉन्स्टेबल समेत 50 पुलिसवाले घायल हो गए।
जो चाहे पढ़ सकते हैं लोग- ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हिल स्टेट के लोग जो चाहें, वो पढ़ सकते हैं। बंगाली भाषा को उनके लिए कंपलसरी नहीं किया गया है। अच्छा काम होने से कोई नहीं रोक सकता है। हम हिल स्टेट में डेवलपमेंट करना चाहते हैं। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं।" आंदोलन पर उन्होंने कहा, "ये उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें ऐसा करने दीजिए। उनके पास कोई समस्या नहीं है।"
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