दार्जिलिंग : CM ममता के अड़ियल रवैय्ये से हालात बिगड़े, लौटने लगे है टूरिस्ट, GJM का आंदोलन आज से
वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
दार्जिलिंग : एक बार फिर पहाड़ के राजनीतिक हालातों को देखकर गर्मियों की छुट्टियां मनाने दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में आए हजारों पर्यटक पहाड़ छोड़ने लगे हैं। यहां पर टिकट काउंटर पर पर्यटकों की लंबी कतारें देखी जा रही है। गौरतलब है कि बांग्ला भाषा को कक्षा एक से 10वीं तक अनिवार्य करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तुगलकी फरमान के कारण पहाड़ के हालात बिगड़ने लगे है। स्थानीय हलकों ने इस मुद्दे को लेकर उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है। पहाड़ की नेपाली भाषी जनता इसे तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही बता रही है। इसके अलावा आज से फिर लगातार चार दिनों तक गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पहाड़ में उग्र आंदोलन कर रही है।
वहीं बीते शुक्रवार को ही गोरखा रंगमंच में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने भी चेतावनी दी थी कि बांग्ला भाषा अनिवार्यता का आंदोलन तीव्र होने वाला है। तेजी से बदलते हुए हालात के मद्देनजर छुट्टियां बिताने सपरिवार पहाड़ आए हुए पर्यटक अपने-अपने घर वापस लौटने लगे है। हर साल देश-विदेश के गर्मी के मौसम में काफी संख्या में पर्यटक पहाड़ भ्रमण के लिए आए थे। इस कारण किसी होटल में भी जगह खाली नहीं थी। लेकिन पहाड़ की राजनितिक हालातों के कारण पर्यटक सतर्क होकर अब अपने घर लौटने लगे हैं। वापसी का टिकट लेने आए पर्यटकों का मानना है कि पहाड़ के हालात में कभी भी बिगड़ सकते हैं। इसलिये समय का इंतजार नहीं करके वे लोग अपने घर लौट रहे हैं।
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