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COVER STORY : गोर्खाली सुधार सभा,देहरादून के चुनाव में सबकी नजरें अध्यक्ष पद पर, कई चेहरे रेस में



दीपक राई
वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क
देहरादून : इस बार के अगस्त माह में गोर्खाली सुधार सभा की तीन वर्षीय कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही चुनाव किए जाने है। इस बार चुनाव में कई चेहरे अपने भाग्य आजमाने की कोशिश में है। वहीं देहरादून समेत संपूर्ण भारतीय गोरखा समाज की भी निगाह देश के सबसे पुराने गोर्खाली संस्था के चुनाव पर टिकी हुई है। वीर गोरखा न्यूज नेटवर्क को मिली एक्सलूजिव कवर स्टोरी में इस बार के चुनाव में अध्यक्ष पद चल रहे कई चेहरे के साथ-साथ सभा के भीतर चल रहे खींचतान को बताने की कोशिश है।


पदम सिंह थापा
सभा के शाखाध्यक्षों ने एक सुर में पदंम के नाम को आगे बढ़ाया है। सभा के भरोसेमंद थापा इस बार अध्यक्ष पद के रेस में आगे हो चुके है। हालांकि थापा के लिए यह जंग आसान नहीं रहने वाली है। चुनाव नामांकन के एन वक्त पहले होने वाले किसी भी हलचल से पदम की नैया हिलौरे खा सकती है। अफसर लॉबी का एक खेमा सभा में नॉन अफसर अध्यक्ष बनने पर एतराज जता सकता है। इस बार के चुनाव में सबसे फेवरेट उम्मीदवार के तौर पर आगे माना जा रहा है। सेना से सुबेदार पद पर रिटायर्ड थापा को अफसर लॉबी के विपक्षी गुट का भी समर्थन है।


सूर्यबिक्रम शाही
गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट के पूर्व अध्यक्ष और समाजसेवी सूर्यबिक्रम शाही उत्तराखंड के गोरखा समाज का एक जाना पहचाना चेहरा है। गोर्खाली राजनीति के पुरोधा सूर्यबिक्रम शाही भी इस बार अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी ठोंकने का मन बना चुके है। इस बार सारिका-कक्कड़ गुट के समर्थन से शाही सभा के चुनाव में सबको चौंकाने के लिए तैयार है। शाही को खलंगा, गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट और गोर्खाली तीज उत्सव के शुरुआती दौर में किए गए शानदार कार्यों के लिए याद किया जाता है। माना जा रहा है कि सारिका प्रधान खेमे के समर्थन के सहारे शाही अध्यक्ष पद की लड़ाई में उतरने का मन बना चुके है।


पूजा सुब्बा
पिछली बार सभा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ चुकी पूजा सुब्बा भी इस बार अध्यक्ष पद की कुर्सी पर निगाहें लगाए हुए है। राजधानी में पूजा अपने समाजसेवा से अपना अलग स्थान बनाने के साथ-साथ राजनीति की भी पुरानी खिलाड़ी है। फिलहाल उनको एक कड़े मुकाबले के लिए कमर कसकर मैदान में उतरने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा।


कमल कुमार राई
देहरादून के सबसे लोकप्रिय गोरखा समाजसेवी में से एक केके राई ने पिछली बार के चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था। इस बार भी उनकी नजरें अध्यक्ष पद पर है। वर्तमान में देहरादून के गोरखा उपजातीय समन्वय समिति के अध्यक्ष पद पर राई विगत कई साल से बने हुए है। राई को गोदावरी थापा थापली गुट का तेजतर्रार उम्मीदवार माना जा सकता है।

अफसर लॉबी के उम्मीदवार को शाखाध्यक्षों ने नाकारा
8 जुलाई को हुए शाखाध्यक्षों की बैठक में देहारादून के गोरखा अफसर लॉबी की तरफ से मगर समाज समिति के अध्यक्ष कर्नल (रिटायर्ड) डीबी थापा को सभा के अध्यक्ष पद के लिए आगे लाया गया था। लेकिन सभा के अधिकतर शाखाध्यक्षों ने जातीय राजनीति से ऊपर ना उठ पाने का हवाला देते हुए एक सुर में थापा के नाम को नकार दिया।

घामछाया के 'साइला' पर दांव खेलने के मूड में अफसर लॉबी
नेपाली रेडियो प्रोग्राम घाम छाया में साइला के रूप में लोकप्रिय ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) सीबी थापा को भी सभा का अध्यक्ष बनाने के लिए अफसर लॉबी सक्रिय है। गौरतलब है कि बहुमुखी प्रतिभा वाले थापा की वाइफ का निधन कुछ माह पूर्व हो चुका है। इस भावनात्मक कारण से भी अफसर लॉबी थापा के साथ खड़ी नजर आ सकती है।

इस तरह हो सकता है चुनाव का कार्यक्रम
सभा में रविवार 16 जुलाई को होने वाले वार्षिक बैठक में चुनाव की घोषणा करने के साथ कार्यकारिणी को भंग किया जा सकता है। साथ ही 23 जुलाई से सभी शाखाध्यक्षों के चुनाव 30 जुलाई तक संपन्न करवाकर 1 अगस्त को वोट डालने वाले प्रतिनिधियों के नाम फाइनल किए जा सकते है। इसके बाद 6 अगस्त को केंद्रीय समिति के लिए चुनाव किए जाएंगे। जहां अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाएंगे।

चुनाव टलने की भी सुबगुबाहट
सभा के संविधान में संसोधन कर शामिल किए गए प्रतिनिधि वोट को चुनौती देने के लिए एक गुट लामबंद हो रहा है। यह गुट 'वन मेन वन वोट' के पुराने चुनाव प्रक्रिया को लागू करने के लिए जोर दे रहा है। यदि टकराव की स्थिति बनती है तो तय समय में चुनाव होने की उम्मीद क्षीण हो जाएगी।

43 शाखा अध्यक्ष के पाले पर है नए केंद्रीय अध्यक्ष का चयन
गोर्खाली सुधार सभा के नए संशोधित संविधान के अनुसार अब केवल शाखा अध्यक्ष और प्रत्येक शाखा से 7-7 लोग चुनाव में वोटिंग कर सकेंगे।


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