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दार्जिलिंग-कालिम्पोंग : मवेशियों में LSD के बढ़ते मामलों का मुद्दा, सांसद राजू बिष्ट ने संबंधित केंद्रीय मंत्री-राज्यमंत्री से की मुलाकात


नई दिल्ली : आज दार्जीलिंग से लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान से मुलाकात की। गौरतलब है कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में मवेशियों में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के बढ़ते मामलों के बारे में सांसद बिष्ट ने दोनों को जानकारी दी है।

सांसद कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सांसद बिष्ट ने बताया कि हाल के महीनों में, पश्चिम बंगाल सरकार की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र में एलएसडी मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार द्वारा देश में सभी राज्य सरकारों को 30 अप्रैल, 2023 तक एलएसडी के खिलाफ मवेशियों का टीकाकरण पूरा करने के लिए कहने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार हमारे क्षेत्र में ऐसा करने में विफल रही है।

इसलिए इस मुद्दे पर सांसद बिष्ट ने निम्नलिखित के अनुरोध किया है:

(i) प्रभावित जिलों में एलएसडी प्रकोप की सीमा और गंभीरता निर्धारित करने के लिए तत्काल निगरानी और महामारी विज्ञान अध्ययन करना।

(ii) नैदानिक सुविधाओं की स्थापना करना और क्षेत्र में नैदानिक सुविधाओं की स्थापना और वृद्धि के लिए निधियां आबंटित करना।

(iii) प्रभावित जिलों में एलएसडी के विरुद्ध मवेशियों की आबादी का टीकाकरण करने के लिए तत्काल टीकाकरण कार्यक्रम सुनिश्चित करना।

(iv) उन किसानों को वित्तीय सहायता और मुआवजा प्रदान करना जिन्हें बीमारी के प्रकोप के कारण नुकसान हुआ है। 

विज्ञप्ति के अनुसार सांसद को मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया है कि वह सोमवार को स्थिति की निगरानी करने और निवारक उपाय करने के लिए एक केंद्रीय टीम भेजेंगे। इसके अलावा उन्होंने सांसद को यह भी सूचित किया है कि देश में पर्याप्त टीका है, और पश्चिम बंगाल सरकार को तुरंत हमारे क्षेत्र में सभी मवेशियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, मवेशियों के टीकाकरण के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को 1.5 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है। 

सांसद बिष्ट ने मंत्री रूपाला और राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान का उनके तत्काल और समय पर इस मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार, स्थानीय पशु चिकित्सकों, पशुपालन विभाग के अधिकारियों और प्रशासन के सहयोगात्मक प्रयासों से हम इस बीमारी को जल्द से जल्द ठीक करने में सक्षम होंगे।

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