आधा घंटे, 3 झटके, दहल उठा सिक्किम
गंगटोक। चारों तरफ चीख-पुकार और जान बचाने की जंग। लोगों के सहमे चेहरे पर और भय का आलम यहां देखा गया। भूकंप के बाद यही दृश्य गंगटोक में देखा गया। पूरे सिक्किम में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किये गए। गंगटोक में साढ़े छह से सात बजे के बीच तीन बार भूकंप के झटके महसूस किये गए। एक के बाद एक झटकों से लोगबाग सहम गए। सभी को अनहोनी की आशंका सताने लगी। लगा कि यह सिलसिला चलता ही रहेगा, लेकिन शुक्र था कि इतनी देर के अंदर ही प्रकृति ने अपनी नाराजगी भर दिखाई। यह हालत बनी रहती तो काफी बड़ी आपदा हो जाती और जानमाल का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता। इस दौरान करीब 80 प्रतिशत घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और लोगों का हुजूम सड़कों पर ही उतरा रहा। भूकंप के कारण पूरे सिक्किम में अंधेरा छाया रहा और सभी इलाकों में बिजली गुल रही।
कई स्थानों पर इमारतों में दरारें आने और छिटपुट क्षति की सूचना रही। अचानक प्रकृति का ऐसा रूप देखकर पर्यटक भी सहम गए। देर रात तक वह होटलों के बाहर रहे और भगवान को ही याद करते रहे। उन्होंने होटलों से चेकआउट भी कर लिया है और ज्यादातर होटलों से पर्यटकों के पलायन का सिलसिला जारी रहा। वह सड़कों पर वाहनों की तलाश में भी भटकते रहे। हालांकि डर के मारे वाहन चालक भी सुरक्षित स्थानों पर जाकर दुबक गए। घरों में बिजली नहीं होने और मौसम का मिजाज खराब होने का क्रम बना रहा, लेकिन सड़कों पर भीड़ जमी रही। लोगों ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसा मंजर देखा। इससे ज्यादा कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। कई लोगों के गले भर गए और जान बचाने के लिए उन्होंने भगवान का धन्यवाद भी दिया। इस दौरान सभी स्थानों पर संचार सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रही।
कई स्थानों पर इमारतों में दरारें आने और छिटपुट क्षति की सूचना रही। अचानक प्रकृति का ऐसा रूप देखकर पर्यटक भी सहम गए। देर रात तक वह होटलों के बाहर रहे और भगवान को ही याद करते रहे। उन्होंने होटलों से चेकआउट भी कर लिया है और ज्यादातर होटलों से पर्यटकों के पलायन का सिलसिला जारी रहा। वह सड़कों पर वाहनों की तलाश में भी भटकते रहे। हालांकि डर के मारे वाहन चालक भी सुरक्षित स्थानों पर जाकर दुबक गए। घरों में बिजली नहीं होने और मौसम का मिजाज खराब होने का क्रम बना रहा, लेकिन सड़कों पर भीड़ जमी रही। लोगों ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसा मंजर देखा। इससे ज्यादा कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। कई लोगों के गले भर गए और जान बचाने के लिए उन्होंने भगवान का धन्यवाद भी दिया। इस दौरान सभी स्थानों पर संचार सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रही।
Post a Comment