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9/11 पर सर्वश्रेष्ठ फिल्में हैं खुदा के लिए, फारेनहाइट 9/11

न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले को आज एक दशक बीत गया है। तब से लेकर अब तक इस आतंकवादी घटना पर करीब 40 फिल्में बन चुकी हैं। इनमें से पाकिस्तानी फिल्मकार शोएब मंसूर की 'खुदा के लिए' और वृत्तचित्र फिल्म 'फारेनहाइट 9/11' को सबसे ज्यादा प्रशंसा मिली है। 'खुदा के लिए' पाकिस्तान में उदारवादी मुसलमानों और कट्टरपंथियों के बीच संघर्ष दिखाती है। फिल्म यह भी दिखाती है कि 9/11 के हमले के बाद पश्चिम में मुसलमानों को संदेह से देखा जाने लगा है। शान के अभिनय से सजी यह बेहतरीन फिल्म 2007 में प्रदर्शित हुई थी। आलोचकों ने इसकी खूब प्रशंसा की थी और इसे विचारोत्तेजक फिल्म बताया था। हॉलीवुड में भी इस त्रासदी को बयां करने के लिए कई वृत्तचित्र फिल्में बनीं। इनमें 'फारेनहाइट 9/11' (2004), 'इनसाइड 9/11' (2005) और 'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' (2006), 'युनाइटेड 93' (2006) 'रीन ओवर मी' (2007) फिल्में शामिल हैं।

'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' और 'युनाइटेड 93' बॉक्सऑफिस पर दर्शकों को आकर्षित करने में नाकाम रहीं लेकिन अमेरिकी फिल्मकार व राजनीतिक टिप्पणीकार माइकल मूर की 'फारेनहाइट 9/11' सबसे ज्यादा व्यवसाय करने वाली वृत्तचित्र फिल्म बनी। मूर की यह फिल्म राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू। बुश के कार्यो, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध व इसे मीडिया में जिस तरह पेश किया गया उसे लेकर बनी है। अमेरिका और कनाडा में प्रदर्शन के बाद इसे 42 से ज्यादा देशों में प्रदर्शित किया गया। इस फिल्म ने एक साल की अवधि में दुनियाभर से 22 करोड़ डॉलर का व्यवसाय किया। हिंदी फिल्मोद्योग भी इस विषय पर फिल्में बनाकर व्यवसाय करने में पीछे नहीं रहा। साल 2007 में प्रख्यात अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने खुद के निर्देशन में 'यूं होता तो क्या होता' बनाई, जो अमेरिका में हुए आतंकवादी हमलों पर आधारित थी। कबीर खान की 'न्यूयार्क', सैफ अली खान-करीना कपूर अभिनीत 'कुर्बान', शाहरुख खान की 'माई नेम इज खान' भी इसी विषय के इर्द-गिर्द बनी फिल्में हैं।

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