भूले नहीं भूलता 9/11 का वह खौफनाक मंजर
देहरादून। 'यह मेरे जीवन की सबसे दुखद घटना थी। इसे रोकना मेरे वश में नहीं था, लेकिन इतिहास को कैमरे में कैद करना भी जरूरी था। सो मैने वह किया।' यह कहना है न्यूयार्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दस साल पहले 11 सितंबर को हुए दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले के खौफनाक मंजर को कैमरे में कैद करने वाले भारतीय फोटो जर्नलिस्ट कमल शर्मा का। 9/11 को याद करते ही सिहर उठते हैं और कहते हैं- 'यह अमेरिका नहीं पूरी मानवता पर हमला था। आतंकवाद के खात्मे के लिए सभी को आगे आना होगा।' फोटो जर्नलिस्ट शर्मा तब न्यूयार्क में अमेरिकी टेनिस ओपन की कवरेज कर रहे थे। वह बताते हैं कि 10 सितंबर को टेनिस की कवरेज के बाद उन्होंने रात 11 बजे वर्ल्ड ट्रेड टावर और आसपास के नजारों को कैद किया। बकौल श्री शर्मा- 'मैं तब वर्ल्ड ट्रेड टावर से 11 किमी दूर क्वींस में अपने ब्रदर-इन-ला के पास ठहरा था। 11 सितंबर की सुबह साढ़े आठ बजे जीजाजी ने बताया कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर प्लेन टकरा गया है। तभी यह खबर आई कि दूसरा प्लेन भी टकराया है और यह दुर्घटना नहीं, आतंकी हमला है। फिर तो मैंने कैमरा उठाया और मौके पर जाने का निश्चय कर लिया। जैसे-तैसे कर हम वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निकट पहुंचे।' वहां का नजारा देख आंखें फटी की फटी रह गई। धुएं व धूल का गुबार, धराशायी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावर व अफरातफरी। सुबह से लेकर रात 11 बजे तक मैंने वहां की गतिविधियों को कैमरे में कैद किया। शर्मा के मुताबिक इतनी बड़ी ट्रेजडी के बावजूद लोग वहां से संयम से निकले। दरअसल, जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर है, वहां सिर्फ पुलों से होकर ही पहुंचा जा सकता है। हालांकि अफरातफरी थी, लेकिन संयमित। अन्यथा, भगदड़ मचने पर और जानें चली जाती। शुक्र है, ऐसा नहीं हुआ।
अब पुस्तक निकालेंगे शर्मा
मूलरूप से पंजाब के फिरोजपुर निवासी कमल शर्मा ने 23 साल दिल्ली में बतौर खेल फोटो पत्रकार कार्य किया। वह अब तक 500 से ज्यादा वन-डे क्रिकेट मैच, क्रिकेट के चार वर्ल्ड कप, यूएस ओपन समेत अन्य कई खेल स्पर्धाओं की फोटो कवरेज कर चुके हैं। तीन साल पहले वह देहरादून आए और यहीं के होकर रह गए। अब उनका इरादा 9/11 पर पुस्तक निकालने का है।
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