दार्जिलिंग। हिल्स में विश्वकर्मा पूजा को लेकर देर रात तक तैयारियां चलती रही। इस दौरान सभी कल-
कारखानों में मरम्मत के सभी सामान रिंच,
प्लास आदि को ताखे पर रख दिया गया और पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा लाई गई। मशीनों,
वाहनों सहित अन्य सामानों की सफाई भी चलती रही। विश्वकर्मा पूजा पर शनिवार को विभिन्न संस्थाओं की ओर से कई रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। शनिवार को विश्व शिल्पी को विधि-
विधान से पूजा जाएगा। कई क्षेत्रों में पूजा पंडाल बनाए गए हैं और देर रात कई पूजा पंडालों में प्रतिमाएं लाई गई। भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा भक्तों ने ढोल-
नगाड़ों की थाप पर नाचते-
गाते पंडालों में पहुंचाई। शनिवार को वैदिक रीति से प्रतिमा की प्राण-
प्रतिष्ठा होगी और इसके बाद दर्शन-
पूजन व अन्य कार्यक्रम शुरू होंगे। कई कारखानों को भी सुबह खोलने की तैयारी की गई है। यहां प्रतिमा को लाकर पूजा की जाएगी। कई स्थानों पर विविध आयोजन भी किये गए हैं।कर्सियांग : यहां भी कई कल-कारखानों व मोटर पार्टस आदि की दुकानें थोड़ी देर के लिए ही खुलेंगी। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। कर्सियांग में कई स्थानों पर पूजा पंडाल बनाए गए हैं और भगवान के लिए बनाए गए पूजा पंडाल में भक्ति गीतों की भी गूंज होगी। इसके लिए कई स्थानों से कलाकारों को भी बुलाया गया है। प्रतिमाओं को लाने का सिलसिला शुक्रवार को भी दिन भर चलता रहा।
कालिम्पोंग : यहां विश्व शिल्पी को पूजने के लिए कई स्थानों पर पूजा पंडाल का निर्माण पूरा हो गया है। यहां के चालक विभिन्न चालक संगठनों ने प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंडालों का निर्माण किया है। यहां प्रकाश की भरपूर व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कई स्थानों संगीत कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। इसमें कलाकारों की भागीदारी भी रहेगी।
(साभार - जागरण )
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