भूकंप पीड़ितों के साथ मनमानी
सिलीगुड़ी । भूकंप की मार उपर से कंपनी की बेरूखी से कार्यरत कर्मचारी के समक्ष भूखमरी की नौबत आ गई। घर जाने के लिए भी मजदूरी के पैसे नहीं दिए। एसएनटी बस स्टैंड पर ऐसे ही संतोष कुमार काच्ची व बृजेश कुमार कुशवाहा दो मजदूर मिले जो सतना (मध्यप्रदेश) निवासी हैं। कहा कि एसईडब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में काम करते हैं। कंपनी हैदराबाद की बताई जाती है। तीस्ता एचई प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में लगी है। दोनों ने अपना परिचय पत्र भी दिखाया। संतोष कंपनी के क्रशर प्लांट में ऑपरेटर थे। वेतन मांगने पर कुछ रुपये देकर भगा दिया। साथ में पत्नी सुधा व एक बच्ची भी साथ में है। बच्ची भूख से विलख रही थी। सुधा भी अपने भाग्य पर आंसू बहा रही थी। चिंता सता रही है किस प्रकार सतना पहुंचे, जाने के किराए भी नहीं हैं।
गंगटोक से प्रशासन के द्वारा बस से सिलीगुड़ी भेज दिया लेकिन सतना किस पहुंचा जाए। राहत दल से कोई शिकायत नहीं। कंपनी के रवैए से आक्रोशित हैं। बृजेश कुमार कुशवाहा कंपनी के क्रशर में हेल्पर थे। कहा कि मजदूरी के पैसे नहीं दिए। बलपूर्वक जाने को मजबूर कर दिया। कंपनी मनमानी के लिए विख्यात है। मरता क्या नहीं करता भूखे-प्यासे बस स्टैंड में पड़े हैं। बस पड़ाव पर पीड़ित परिवार को एसएनटी बस के ड्राइवर कुमार छेत्री, एमबी दास, फुचुंग भूटिया व राजू मियानी ने खाने-पीने की व्यवस्था में लग गये।
(साभार -जागरण)
गंगटोक से प्रशासन के द्वारा बस से सिलीगुड़ी भेज दिया लेकिन सतना किस पहुंचा जाए। राहत दल से कोई शिकायत नहीं। कंपनी के रवैए से आक्रोशित हैं। बृजेश कुमार कुशवाहा कंपनी के क्रशर में हेल्पर थे। कहा कि मजदूरी के पैसे नहीं दिए। बलपूर्वक जाने को मजबूर कर दिया। कंपनी मनमानी के लिए विख्यात है। मरता क्या नहीं करता भूखे-प्यासे बस स्टैंड में पड़े हैं। बस पड़ाव पर पीड़ित परिवार को एसएनटी बस के ड्राइवर कुमार छेत्री, एमबी दास, फुचुंग भूटिया व राजू मियानी ने खाने-पीने की व्यवस्था में लग गये।
(साभार -जागरण)
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