सिक्किम छोड़ कर लौट रहे बिहार
सिलीगुड़ी । भूकंप के खौफ से उबरने की पांच दिनों तक कोशिश की। नहीं उबर पाया। बच्चे काफी भयभीत हैं। हमने बिहार लौटने का फैसला कर लिया। भूकंप की त्रासदी के प्रत्यक्षदर्शी रहे मोहम्मद रियाज सिक्किम से लौट गए हैं। वे उत्तरी सिक्किम के मांगन में रहते थे, जो सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में एक है। रविवार को सपरिवार सिलीगुड़ी के एसएनटी बस स्टैंड पर थे। कहा, बच्चों को सपने में भी भूकंप आता है। सिक्किम में इलेक्ट्रानिक्स की दुकान चलाता था। मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के निवासी रियाज के पिता 1975 में ही सिक्किम आए। तब से वहीं के होकर रह गए। रियाज ने कहा, सोचा था सब ठीक हो जाएगा। लेकिन, बच्चे न खेलते हैं न खाना खाते हैं। पेशे से दर्जी मोहम्मद फैयाज ने भी कहा कि काम में मन ही नहीं लगता। चाहकर भी बर्बादी के मंजर को भूल नहीं सका। शायद स्थान परिवर्तन से सामान्य हो सकें। मोहम्मद सोहराब का भी खुद का व्यवसाय है। अब सिक्किम छोड़कर मधुबनी जा रहे हैं। बताया कि भूकंप से जान-माल की काफी क्षति हुई है। दुकान में काम करने वाले भी कुछ दिनों के लिए घर जा रहे, ताकि इस खौफ से उबर सकें। उन्होंने कहा, सेना के जवानों ने पीड़ितों को सहायता पहुंचाई। दूसरे प्रदेशों के लोग तो सिक्किम को छोड़ रहे हैं। सिक्किम के निवासी जाएं तो जाएं कहां।
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