भूकंप के बाद अब जिंदगी की जद्दोजहद
पहाड़ों की हालत यह कि लगातार बारिश के कारण मिट्टी गीली हो गई है। भू-स्खलन हो रहा है। 'वहां के हालात का जायजा लिया तो जगह-जगह मलबे के ढेर थे। लोगों की शिकायत कि उन्हें प्रभावित इलाकों में हेलीकाप्टर से नहीं ले जाया जा रहा। वे अपने परिवार से मिलना चाहते हैं। रविवार को सिक्किम के स्थानीय नागरिक जियेप्सो ने बताया कि अब हेलीकाप्टर से लोगों को ले जाया जा रहा है। ल्हाचुंग में जान की तो बहुत क्षति नहीं हुई है, घर-बार ध्वस्त हो गए हैं। नदी के बायीं ओर का इलाका ज्यादा प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. पवन कुमार चामलिंग ने पूर्वी और दक्षिणी सिक्किम का भी जायजा लिया। पीड़ितों के बीच चेक बांटे गए हैं। प्रधानमंत्री के आने का इंतजार हो रहा है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में भी मकान ध्वस्त हुए। पर्यटन के इस सीजन पर ग्रहण तो लग ही गया। अब सबसे बड़ी चुनौती लोगों के मन से भय को निकालने की है। इस प्रदेश को फिर से व्यवस्थित करने की, ताकि लोग यहां फिर से आ सकें। यह राज्य पर्यटकों से गुलजार हो सके।
Post a Comment