GTA में GLP जवानों की होगी भर्ती
दार्जिलिंग। प्रस्तावित गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन में जीएलपी जवानों को भी समाहित किया जाएगा। हालांकि इसके लिए मानक तैयार किये गए हैं। उन्हें काफी व्यवस्था दी जाएगी। जीटीए दस्तावेज में भी इसका उल्लेख किया गया है कि शारीरिक रूप से सही होने वाले जवानों को राज्य पुलिस व अर्द्ध सैनिक बल में जगह दी जाएगी। यह जानकारी सोमवार को बातचीत के दौरान गोरखा भूतपूर्व सैनिक मोर्चा के केंद्रीय महासचिव व पूर्व कैप्टन शिव कुमार राई ने दी। उन्होंने बताया कि इस बाबत सरकार से कई बार अपील की जा रही थी और सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया। शासन ने जवानों को भरोसा दिया है कि वह जवानों को समाहित कराने का हर संभव प्रयास करेगा। यही नहीं भारतीय गोरखा भूतपूर्व सैनिक मोर्चा की ओर से रहे जीएलपी जवानों को इको बटालियन तैयार करके इसमें समाहित कराने के लिए पत्राचार किया जा चुका है। इस विषय पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं ने भी पत्राचार किया है। भारतीय गोरखा भूतपूर्व सैनिक मोर्चा का कहना है कि 15 हजार जीएलपी जवानों की व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए पूर्व में भी मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग से वार्ता हो चुकी है। उन्होंने जीएलपी जवानों के लिए हर संभव व्यवस्था करने का आश्वासन भी दिया है। पूर्व कैप्टन राई ने बताया कि जवानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए छोटे-मोटे कल-कारखाने भी लगाए जाने का भी आश्वासन मोर्चा प्रमुख ने दिया है। साफ है कि जीटीए के अस्तित्व में आते ही एक भी जवान बेकार नहीं रहेगा। इसके लिए कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के 2007 में गठन के बाद जीएलपी का भी गठन किया गया था। इनके लिए कैंप बनाया गया है और यहीं पर उनकी हर व्यवस्था की गई है। इस समय तकरीबन 15 हजार जवान हैं और उनको जीटीए में समाहित करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके बाद से जीएलपी जवान अलग राज्य के हर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। त्रिपक्षीय मसौदे पर हस्ताक्षर करने के बाद रोशन गिरि ने 19 जुलाई को पिंटेल विलेज में यह घोषणा की थी कि जीटीए में जवानों को समाहित करने की व्यवस्था की गई है और इसके लिए मानक तैयार किये गए हैं।

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