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डोकलाम बॉर्डर विवाद की आड़ में सिक्किम क्षेत्र में बड़े मिलिट्री ऑपेरशन के लिए चीन बना रहा है सीक्रेट प्लान


बीजिंग : भारत अगर हमारी बात नहीं सुनेगा तो चीन को सिक्किम विवाद सुलझाने के लिए सिक्किम क्षेत्र में सेना का इस्तेमाल करना पड़ेगा। चीन और भारत के बीच जारी विवाद पर चीन के ऑफिशियल मीडिया और एक्सपर्ट्स ने मंगलवार को ये बात कही। उन्होंने कहा, "अगर विवाद को सही तरह से संभाला नहीं गया तो जंग हो सकती है।" बता दें कि इंडियन सिक्युरिटी फोर्सेस पर चीन ने उसकी सीमा में घुसपैठ का आरोप लगाया है। सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में दोनों देशों के बीच लगातार तीसरे हफ्ते तनाव बरकरार है।

चीन शांति से विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहा है- Experts

शंघाईशल साइंस अकैडमी के रिसर्च फैलो हू झियोंग ने चीन के सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स से कहा, "चीन की पूरी कोशिश है कि ऐतिहासिक सबक (1962 की जंग) का हवाला देकर भारत को नतीजों के बारे में समझाया जाए। चीन गंभीरता दिखाते हुए इस मसले को शांति से हल करने की कोशिश कर रहा है। अगर भारत ने सुनने से इनकार कर दिया तो चीन के सामने सेना का इस्तेमाल करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाएगा।" - "भारत चीन को भड़काने की कोशिश कर रहा है। वो अमेरिका के सामने ये साबित करना चाहता है कि जब मोदी US में थे, तब भारत चीन को कंट्रोल कर सकता था। ओबामा मानते थे कि भारत इम्पॉर्टेंट है, क्योंकि दोनों एक तरह की वैल्यूज शेयर करते हैं। लेकिन, ट्रम्प बेहद व्यावहारिक हैं। वो भारत को अपने अहम साथी के तौर पर तरजीह नहीं देंगे, क्योंकि बीजिंग का सामना करने के लिए नई दिल्ली काफी कमजोर है।"

 अपनी बेहतरी के लिए भारत शांति बनाए रखेगा

 मिलिट्री एक्सपर्ट सोंग झोंगपिंग ने कहा, "भारत हमेशा चीन के साथ अपने सबसे बड़े दुश्मन की तरह बर्ताव करता है, लेकिन चीन भारत के बारे में ऐसा नहीं सोचता है, जैसा भारत उसकी पीठ पीछे बोलता है।" - "एक्सपर्ट भारत की जंग की धमकी का भी मजाक उड़ा रहे हैं। पिछले शुक्रवार वहां के फॉरेन मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा था कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। भारत और चीन की सैन्य ताकतों के बीच अंतर 1962 से अब तक काफी ज्यादा हो गया है। मुझे उम्मीद है कि इंडिया अपनी बेहतरी के लिए शांति बनाए रखेगा।"

 भारत की तरह 2017 का चीन भी अलग है

 चीन ने सोमवार को भारत से कहा था कि वो अपनी टेरिटोरियल सोवेरीनिटी (क्षेत्रीय सम्प्रभुता) कायम रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगा। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें अरुण जेटली ने कहा था- 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा, "अगर वो हमें ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि 2017 का भारत 1962 से अलग है तो आज का चीन भी अलग है।"

 डोकलाम को लेकर क्या आरोप लगाए?

चीन फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा था, "हम चाहेंगे कि भारत 1980 में हुए समझौते का सम्मान करते हुए चीन के इलाके में घुसने वाली भारतीय सेनाओं को अपनी सीमा में वापस बुलाए।" - "भारत डोकलाम इलाके में गैरकानूनी तरीके से एंट्री के लिए भूटान का इस्तेमाल कवर के तौर पर कर रहा है। भारत और भूटान के रिश्तों से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हम इस बात का विरोध करते हैं कि भूटान का हवाला देकर भारतीय फौजें चीन की सीमा में घुसपैठ कर रही हैं।'

 सिनो-ब्रिटिश ट्रीटी पर चीन ने क्या कहा?

चीन फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा, "पूर्व भारतीय पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 1959 में चीन के पूर्व पीएम झोऊ एनलाई को एक लेटर लिखकर 1890 की सिनो-ब्रिटिश ट्रीटी पर सहमति जताई थी। मौजूदा सरकार को भी इस समझौते का सम्मान करना चाहिए। सिक्किम सेक्टर में भारतीय सेनाओं का एक्शन इस समझौते के साथ धोखा है।"

 डोकलाम पर क्या है दावा?

चीन ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय फौजों की घुसपैठ का आरोप लगाया है। चीन डोकलाम को अपने देश का हिस्सा बताता रहा है। इसके अलावा भूटान भी इस इलाके पर अपना दावा करता हैं।

- भास्कर इनपुट्स
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